NASA के रिसर्च ने भी माना, गर्म हो रही धरती
वाशिंगटन: नासा के अध्ययनकर्मियों द्वारा उपग्रह के जरिये किये गये आकलन ने उन आंकड़ों की पुष्टि की है जिससे पता चला है कि पिछले 15 साल में पृथ्वी की सतह गरम हुई है. अध्ययनकर्मियों ने 2003 से 2007 तक उपग्रह आधारित इन्फ्रारेड मेजरमेंट सिस्टम एआईआरएस (ऐटमॉसफेरिक इन्फ्रा रेड साउन्डर) के जरिये प्राप्त धरती के तापमान […]
वाशिंगटन: नासा के अध्ययनकर्मियों द्वारा उपग्रह के जरिये किये गये आकलन ने उन आंकड़ों की पुष्टि की है जिससे पता चला है कि पिछले 15 साल में पृथ्वी की सतह गरम हुई है.
अध्ययनकर्मियों ने 2003 से 2007 तक उपग्रह आधारित इन्फ्रारेड मेजरमेंट सिस्टम एआईआरएस (ऐटमॉसफेरिक इन्फ्रा रेड साउन्डर) के जरिये प्राप्त धरती के तापमान का आकलन किया.
अध्ययन दल ने इन आंकड़ों को गोडार्ड इन्स्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज सरफेस टेंपरेचर एनालाइसिस (GISTEMP) से मिलान किया. बाद में यह अध्ययन पत्रिका इनवायरनमेंटल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित हुआ.
पिछले 15 साल में दोनों डाटा संग्रह के बीच काफी समानता देखने को मिली. अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के जोएल सुसकिंड ने कहा कि AIRS डेटा ने GISTEMP के लिए पूरक रहा क्योंकि GISTEMP की तुलना में इसका दायरा ज्यादा रहा और इसने समूची दुनिया को कवर किया.
सुसकिंड ने एक बयान में कहा, डेटा के दोनों सेट से पता चला कि धरती की सतह इस अवधि में गर्म हुई और 2016, 2017 और 2015 क्रम से सबसे गर्म साल रहा.