पाक की खूंखार खूबसूरत! ईस्टर पर चर्च को धमाके से उड़ाना चाहती थी, जानें आखिर क्यों…

इस्लामाबाद : पाकिस्तान से एक आत्मघाती हमलावर को गिरफ्तार किया गया है जो मेडिकल की छात्रा है. वह सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आइएसआइएस में शामिल होने फरवरी में सीरिया गयी थी. हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने वाली 20 वर्षीय मेडिकल छात्रा ने कहा है कि उसे लाहौर शहर में ईस्टर पर एक चर्च में हमला […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 18, 2017 9:33 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान से एक आत्मघाती हमलावर को गिरफ्तार किया गया है जो मेडिकल की छात्रा है. वह सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आइएसआइएस में शामिल होने फरवरी में सीरिया गयी थी. हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेने वाली 20 वर्षीय मेडिकल छात्रा ने कहा है कि उसे लाहौर शहर में ईस्टर पर एक चर्च में हमला करने के लिए आत्मघाती विस्फोटक के तौर पर इस्तेमाल किया जाना था.

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सिंध के जमशोरो में लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ सांइसेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा नौरीन लघारी ने कहा कि उसने लाहौर जाने के लिए घर छोड दिया था. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान चलाए गये एक वीडिया में नौरीन ने स्वीकार किया कि इस्लामिक स्टेट उसे ईस्टर संडे पर चर्च पर हमला करने के लिए आत्मघाती विस्फोटक के रुप में इस्तेमाल करने वाला था. महिला ने कहा कि उसे आइएस ने इस हमले के लिए दो आत्मघाती जैकेट, चार ग्रेनेड और कुछ गोलियां दी थी.

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बहरहाल, सुरक्षाबलों ने शुक्रवार रात को एक आतंकवादी को मार गिराया और इस महिला समेत दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया, जिससे इस हमले की योजना विफल हो गयी. पाकिस्तान अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि महिला फरवरी में आईएस में शामिल होने सीरिया गई थी. सूत्रों ने बताया कि उसने सीरिया में हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था.

अखबार ने कहा कि नौरीन करीब तीन सप्ताह पहले लाहौर आयी और सुरक्षाकर्मी उस पर नजर रखे हुए थे. उसने सोशल मीडिया के जरिये आतंकवादियों से संपर्क किया. अपना घर छोडने के बाद और आतंकवादियों के साथ शामिल होने के बाद उसने लाहौर के अली तारिक से शादी की, जो शुक्रवार रात को पंजाब हाउसिंग सोसायटी में मुठभेड में मारा गया. इस मुठभेड में चार सुरक्षा कर्मी भी घायल हो गये.

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इस बीच विश्वविद्यालय के कुलपति नौशाद शेख ने कहा कि महिला लंबे समय से सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के संपर्क में थी जिसने उसे कट्टरपंथी बना दिया. लाहौर पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि वह फेसबुक पर आइएस से जुडे एक व्यक्ति के संपर्क में थी, जहां उसने आइएस प्रमुख के प्रति निष्ठा जताई थी. चरमपंथी विचारों के कारण फेसबुक ने उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया था.

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