जानें आखिर जापान में क्यों बार-बार आता है भूकंप?

टोक्यो : जापान मंगलवार की सुबह भूकंप के तेज झटकों से एक बार फिर हिल उठा. भूकंप के बाद सूनामी की एक मीटर ऊंची लहरें भी जापान के तट से टकराईं हालांकि इसमें किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर फिलहाल नहीं है. यह पहली बार नहीं है जब भूकंप के झटके यहां महसूस किए […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 22, 2016 11:50 AM

टोक्यो : जापान मंगलवार की सुबह भूकंप के तेज झटकों से एक बार फिर हिल उठा. भूकंप के बाद सूनामी की एक मीटर ऊंची लहरें भी जापान के तट से टकराईं हालांकि इसमें किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर फिलहाल नहीं है. यह पहली बार नहीं है जब भूकंप के झटके यहां महसूस किए गए हों. जापान में पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप महसूस किए जा चुके हैं.

यहां जानने वाली बात यह है कि आखिर इतने ज्यादा भूकंप के झटके जापान में आखिर क्यों आते हैं? तो हम आपको बता दें कि भूकंप के लिहाज से जापान बेहद संवेदनशील देश की गिनती में आता है. इसका प्रमुख कारण यहां मिलने वाली धरती की सबसे अशांत टेक्टोनिक प्लेट्स को माना जाता है. ये प्लेटें एक अभिकेंद्रित सीमा बनाती हैं, जिसके कारण यह क्षेत्र दुनिया के सर्वाधिक भूकंपों का केन्द्र बन जाता है.

जानकारों की मानें तो जापान का यह क्षेत्र पेसिफिक प्लेट, फिलिपींस प्लेट और अमरीकी प्लेट के नीचे लगातार जा रहा है. यही कारण है कि जापान में हर साल छोटे-बड़े करीब एक हजार भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं. जापान पेसिफिक रिंग ऑफ फायर के अंतर्गत आता है. इस रिंग ऑफ फायर का असर न्यूजीलैंड से लेकर अलास्का, उत्तर अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका तक होता है. रूस, अमेरिका, कनाडा, पापुआ न्यू गिनी, पेरू और ताइवान जैसे देश भी इसकी सीमा के अंतर्गत आते हैं.

यहां बताते चलें कि मार्च 2011 में जापान में 9 तीव्रता वाले भूकंप और उसके बादआयी सूनामी के कारण हजारों लोगों की जान चलीगयी थी. इस दौरान बड़े स्तर पर जानमाल का नुकसान हुआ था जिसकी याद आज भी वहां के लोगों के जेहन में ताजा है. भूकंप में 15 हज़ार से ज्यादा की मौत हो गयी थी और 6 हज़ार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस हादसे में 3 हज़ार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे.

Next Article

Exit mobile version