पाकिस्तान की जमीन पर न हो भारत में हमले की साजिश : अमेरिका
वाशिंगटन : अमेरिका ने कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसकी सरजमीन का इस्तेमाल भारत में हमलों का षडयंत्र रचने के लिए नहीं हो और वह वहां सक्रिय सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे.... अमेरिका ने पाकिस्तान से ऐसे समय में यह बात कही है जब प्रधानमंत्री […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 10, 2016 3:36 PM
वाशिंगटन : अमेरिका ने कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसकी सरजमीन का इस्तेमाल भारत में हमलों का षडयंत्र रचने के लिए नहीं हो और वह वहां सक्रिय सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे.
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अमेरिका ने पाकिस्तान से ऐसे समय में यह बात कही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कहा था कि ‘‘भारत के पड़ोस में आतंकवाद फल फूल रहा है.’ अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कल कहा, ‘‘यह उन कदमों में से एक है जिसके लिए अमेरिका पाकिस्तान को प्रोत्साहित कर रहा है ताकि भारत के साथ उसके संबंधों में सुधार किया जा सके.’
मार्क टोनर ने कल संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान को व्यावहारिक सहयोग से लाभ मिलेगा और हम दोनों देशों को सहयोग बढ़ाने एवं तनाव कम करने के लक्ष्य से सीधी बातचीत के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’ टोनर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के उठाए जाने वाले कदमों में यह सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता शामिल है कि उसकी धरती का इस्तेमाल भारत में हमलों का षडयंत्र रचने के लिए नहीं हो और पाकिस्तान उन सभी आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए कदम उठाए जो इस समय उसकी जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं.’
टोनर ने कहा, ‘‘यह सहयोग एवं गठजोड़ का वह क्षेत्र बना हुआ है जिस पर हम पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अभियानों में उसके साथ काम कर रहे है.’ टोनर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच जिन मामलों पर बात हुई, उनमें पाकिस्तान का मुद्दा भी शामिल था.
उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो निश्चित ही वार्ता में जिन मुद्दों पर बात हुई, उनमें यह भी एक विषय था. उन्होंने दरअसल कई विषयों पर बात की.’ टोनर ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंध अलग अलग हैं और ये अपने अपने महत्व के आधार पर बने हुए है.’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि क्षेत्र के देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उन सभी के एक दूसरे के साथ रचनात्मक सुरक्षा संबंध हों. यह देश पाकिस्तान है, भारत है और अफगानिस्तान भी है.
अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ ‘एक स्वर’ में लड़ाई लड़ी जानी चाहिए.प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि विश्व की शांति एवं समृद्धि को लेकर भारत और अमेरिका का साझा दृष्टिकोण है. उन्होंने कहा कि ‘‘आतंकवाद वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है और इसके खिलाफ कई स्तरों पर लड़ाई लड़ी जानी चाहिए’ क्योंकि केवल सेना, खुफिया एवं राजनयिक स्तर के पारंपरिक उपकरण इसे हराने के लिए काफी नहीं होंगे.
मोदी ने कहा, ‘‘भारत की सीमा के पश्चिम से लेकर अफ्रीका तक इनके नाम अलग अलग हो सकते हैं.
उनके नाम लश्कर ए तैयबा से लेकर तालिबान या आईएसआईएस हो सकते हैं लेकिन उनकी मानसिकता एक जैसी है और वह है: घृणा, हत्या एवं हिंसा.’ पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में मोदी ने कहा, ‘‘हालांकि इसकी छाया पूरी दुनिया में फैली है और इसका पोषण भारत के पड़ोस से हो रहा है.’ उन्होंने कहा कि जो लोग मानवता में विश्वास करते हैं, उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ आना चाहिए और इस बुराई के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए.