”प्रभु” को याद आये वाजपेयी : ‘विपदाएं आती हैं, हम न रुकेंगे”

नयी दिल्ली : रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज लोकसभा में पेश अपने रेल बजट भाषण में रेलवे के समक्ष पेश चुनौतियों का जिक्र किया लेकिन साथ ही कहा कि इन चुनौतियों से निपटने में वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता की पंक्तियों से प्रेरणा पाते हैं. रेल मंत्री ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 25, 2016 3:12 PM

नयी दिल्ली : रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज लोकसभा में पेश अपने रेल बजट भाषण में रेलवे के समक्ष पेश चुनौतियों का जिक्र किया लेकिन साथ ही कहा कि इन चुनौतियों से निपटने में वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता की पंक्तियों से प्रेरणा पाते हैं. रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे को बेहतर स्थिति में लाने का हम पर दबाव बना हुआ है लेकिन मुझे इस समय, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं जिन्होंने कहा था: विपदाएं आती हैं आएं, हम न रुकेंगे, हम न रुकेंगे, आघातों की क्या चिंता है? हम न झुकेंगे, हम न झुकेंगे. रेल मंत्री ने कवि हरिवंश राय बच्चन की भी कुछ पंक्तियों को उद्धृत किया और अपनी अंदरुनी ताकत, विविध प्रतिभाओं और भरपूर अनुभव का इस्तेमाल करने की प्रतिबद्धता को कुछ इस प्रकार बयान किया:

नव उमंग, नव तरंग,

जीवन का नव प्रसंग,

नवल चाह,

नवल राह,

जीवन का नव प्रवाह.

रेल मंत्री ने फिर से वाजपेयी जी को याद करते हुए कहा, ‘जब तक ध्येय पूरा न होगा, तब तक पग की गति न रुकेगी, आज कहे चाहे कुछ दुनिया, कल को बिना झुके न रहेगी. सुरेश प्रभु ने अपना बजट भाषण समाप्त करते हुए भगवान बुद्ध का स्मरण किया और कहा कि भगवान बुद्ध ने कहा है कि जब भी कोई व्यक्ति यात्रा करता है तो वह दो गलतियां कर सकता है : पहली यात्रा शुरु ही न करे और दूसरी सफर पूरा न करे. उन्होंने कहा, ‘हम अपना सफर पहले ही शुरू कर चुके हैं और मैं इस यात्रा को पूरा भी करना चाहता हूं. हम भारतीय रेल को समृद्धि अथवा सफलता की मंजिल तक पहुंचाने से पहले नहीं रुकेंगे.

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