नये संविधान को लेकर नेपाल में हिंसा, एक की मौत, 14 राज्‍यों में कर्फ्यू

काठमांडू : नेपाल में कल भारी विरोध प्रदर्शन के बीच नये संविधान को लागू कर दिया गया. संविधान का नया मसौदा कई लोगों को पसंद नहीं आया. ऐसे में हिंसा भी भड़क गयी. इस हिंसा में एक व्‍यक्ति के मरने की खबर है. सरकार ने प्रदर्शन को लेकर 14 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2015 8:36 AM

काठमांडू : नेपाल में कल भारी विरोध प्रदर्शन के बीच नये संविधान को लागू कर दिया गया. संविधान का नया मसौदा कई लोगों को पसंद नहीं आया. ऐसे में हिंसा भी भड़क गयी. इस हिंसा में एक व्‍यक्ति के मरने की खबर है. सरकार ने प्रदर्शन को लेकर 14 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है. प्रदर्शन कर रहे युवकों को रोकने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. इस फायरिंग में ही एक व्‍यक्ति के मरने की खबर है. प्रदर्शन को लेकर राजधानी काठमांडू में सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किये गये हैं. आज सुबह भी बीरगंज में प्रदर्शनारियों का प्रदर्शन देखा गया. उल्‍लेखनीय है कि नेपाल में सात वर्षों की सियासी कशमकश और मशक्कत के बाद तैयार ऐतिहासिक संविधान रविवार को लागू हो गया. इसके साथ ही देश एक हिंदू राजशाही से एक पूर्ण रूप से धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणतंत्र में परिवर्तित हो गया.

इस बीच अल्पसंख्यक मधेसी समूहों ने सात प्रांतों के संघीय ढांचे को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया. राष्ट्रपति राम बरन यादव ने संसद में संविधान को जारी करते हुए कहा, ‘मैं संविधान सभा द्वारा पारित और संविधान सभा द्वारा अधिप्रमाणित नेपाल के इस संविधान को आज 20 सितम्बर 2015 से लागू किये जाने की घोषणा करता हूं.’ उन्होंने नया बानेश्वर में संविधान सभा हाल में आयोजित एक विशेष समारोह में कहा, ‘मैं इस ऐतिहासिक मौके पर सभी से एकता और सहयोग का आह्वान करता हूं.’ इस बीच भारत से लगने वाले दक्षिणी क्षेत्रों में हिंसा की छिटपुट घटनाओं की सूचना मिली. जहां अल्पसंख्यक मधेसी समुदाय देश को सात प्रांतों में बांटने के विचार का विरोध कर रहा है. हिमालयी देश के एक हिंदू राजशाही से एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय लोकतंत्र के रूप में परिवर्तित होने की खुशी मनाने के लिए हजारों लोग सडकों पर उतर आये.

इस मौके पर राष्ट्रीय ध्वज लहराये गये और पटाखे छोडे गये. इसके साथ संविधान सभा हाल के सामने भी लोग बडी संख्या में एकत्रित हुए थे. इस खुशी को मनाने के लिए काठमांडो के अलग-अलग स्थानों पर जुलूस निकाले गये. लोगों ने अपना स्वयं का संविधान मिलने की खुशी में सडकों को सजाया और मोमबत्तियां जलायीं. 67 वर्ष के लंबे समय तक चले लोकतांत्रिक संघर्ष के बाद निर्वाचित प्रतिनिधियों ने संविधान तैयार किया. उन्होंने कहा, ‘संविधान हम सभी के लिए हमारी स्वतंत्रता, आजादी, भौगोलिक अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने का एक साझा दस्तावेज है.’ इसके साथ ही अंतरिम संविधान को रद्द कर दिया गया. राष्ट्रपति यादव ने कहा कि लागू किये गये नये संविधान 2072 ने देश में गणतंत्र को संस्थागत कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि संविधान लागू होने से देश में शांति और स्थिरता आयेगी और आर्थिक विकास एवं समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा.

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