कहीं आप बच्चे को जल्दी तो नहीं खिला रहीं?

वाशिंगटन : कम से कम 40 फीसदी माताएं अपने बच्चों को सही वक्त से पहले ठोस आहार देना शुरू कर देती हैं. मेडिकल जर्नल ऑफ पेडियाट्रिक्स में छपे एक अध्ययन में पता चला है कि माताओं की यह जल्दबाजी बड़े होने पर बच्चों को परेशान कर सकती है. अध्ययनकर्ता जानना चाहते थे कि कितने बच्चों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2013 1:33 PM

वाशिंगटन : कम से कम 40 फीसदी माताएं अपने बच्चों को सही वक्त से पहले ठोस आहार देना शुरू कर देती हैं. मेडिकल जर्नल ऑफ पेडियाट्रिक्स में छपे एक अध्ययन में पता चला है कि माताओं की यह जल्दबाजी बड़े होने पर बच्चों को परेशान कर सकती है.

अध्ययनकर्ता जानना चाहते थे कि कितने बच्चों को ठोस आहार वक्त से पहले ही दिया जाने लगता है. इस अध्ययन का एक मकसद यह भी था कि स्तनपान के असर को समझा जाये. 2005 में इस अध्ययन की शुरु आत हुई.

तब अमेरिकन अकैडमी ऑफ पेडियाट्रिक्स ने माताओं को 4-6 महीने की उम्र में ही बच्चों को ठोस आहार देने की सलाह दी थी. 2012 में में अकैडमी ने अपनी सलाह में बदलाव किया और बताया कि 6 महीने की उम्र से पहले बच्चे को ठोस आहार नहीं दिया जाना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version