रोम पर कब्जे की तैयारी में ISIS

काहिरा/त्रिपोली : लीबिया में इसलामिक स्टेट के आतंकियों के हाथों मिस्र के 21 ईसाइयों के सिर सामूहिक रूप से कलम होते दिखानेवाले वीडियो से पूरी दुनिया में सनसनी मच गयी है. इस वीडियो में उनके द्वारा रोम पर कब्जा करने के संकेत मिले हैं. देश की सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए सोमवार को इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 7:36 AM

काहिरा/त्रिपोली : लीबिया में इसलामिक स्टेट के आतंकियों के हाथों मिस्र के 21 ईसाइयों के सिर सामूहिक रूप से कलम होते दिखानेवाले वीडियो से पूरी दुनिया में सनसनी मच गयी है. इस वीडियो में उनके द्वारा रोम पर कब्जा करने के संकेत मिले हैं. देश की सेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए सोमवार को इस खूंखार संगठन के प्रशिक्षण शिविरों पर बमबारी शुरू कर दी. पांच मिनट के इस भयावह वीडियो में दिखाया गया है कि लीबिया की राजधानी त्रिपोली के पास एक समुद्री तट पर संतरी रंग के जंपसूट पहने बंधकों के हाथ बंधे हुए हैं और काले नकाब पहने आतंकी उन्हें मौत के घाट उतार देते हैं.

वीडियो के एक अंश के अंत में एक आतंकी कहता है, जिस समुद्र में तुमने शेख ओसामा बिन लादेन को दफना दिया था, अल्लाह कसम, उसी समुद्र के पानी को तुम्हारे खून से रंग देंगे. लीबिया से एक माह पहले अपहृत हुए इन 21 मिस्रवासियों की हत्या से ये आशंकाएं बढ़ गयी हैं कि इसलामिक आतंकी समूह ने दक्षिणी इटली के पास एक प्रत्यक्ष संबद्ध संगठन तैयार कर लिया है. इसी आशंका की ओर इशारा करते हुए एक आतंकी वीडियो में कहता है कि समूह अब ‘रोम पर फतह’ हासिल करने की योजना बना रहा है.

इस चरमपंथी समूह द्वारा अपने नियंत्रण क्षेत्र सीरिया और इराक से बाहर की गयी सिर कलम करने की ये घटनाएं अपनी तरह की पहली घटनाएं हैं और मिस्र में इन हत्याओं की तत्काल एवं कड़ी निंदा की गयी है. मिस्र ने इन हत्याओं पर सात दिन की शोक अवधि की घोषणा की थी.

मिस्रवासियों के लीबिया जाने पर लगा प्रतिबंध
अपने वक्तव्य के दौरान सिसी ने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर कीं. इसके साथ ही उन्होंने सरकार को आदेश दिये कि वह मिस्रवासियों की लीबिया यात्र पर प्रतिबंध लगाये और वहां मौजूद अन्य लोगों की वापसी में मदद करे. सिसी ने कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए मिस्र की शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा संस्था की एक आपात बैठक बुलायी. उन्होंने विदेश मंत्री से यह भी कहा कि वे न्यू यॉर्क जायें और आतंकवाद से लड़ाई सम्मेलन में शिरकत करें.