मुशर्रफ की फांसी की सजा रद्द किये जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा वकील

इस्लमाबाद : पाकिस्तान के एक वकील ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की फांसी की सजा रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को मुशर्रफ के खिलाफ छह साल तक चले देशद्रोह के गंभीर मामले में उन्हें मौत की सजा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 4, 2020 4:19 PM

इस्लमाबाद : पाकिस्तान के एक वकील ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की फांसी की सजा रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को मुशर्रफ के खिलाफ छह साल तक चले देशद्रोह के गंभीर मामले में उन्हें मौत की सजा सुनायी थी.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नीत पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) सरकार ने नवंबर, 2007 में असंवैधानिक तरीके से आपातकाल लगाये जाने को लेकर पूर्व सैन्य प्रमुख के खिलाफ 2013 में देशद्रोह का मामला दर्ज किया था. इस आपातकाल के चलते शीर्ष अदालत के कई न्यायाधीशों को उनके घर में कैद होना पड़ा था और 100 से अधिक न्यायाधीशों को पद से हटा दिया था.

देशद्रोह के गंभीर मामले में मुशर्रफ के खिलाफ चले मुकदमे को लाहौर हाईकोर्ट ने 13 जनवरी को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, जिससे पूर्व राष्ट्रपति को सुनायी गयी मौत की सजा निरस्त हो गयी थी. ‘डॉन’ समाचारपत्र ने मंगलवार को खबर दी कि सोमवार को दायर अपील में याचिकाकर्ता वकील तौफिक आसिफ का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील हामिद खान ने लाहौर हाईकोर्ट के फैसले को अवैध घोषित कर इसे निरस्त करने का अनुरोध किया.

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में संविधान के अनुच्छेद छह को असल में अवैध एवं अप्रभावी करार दिया, जिसका पाकिस्तान के संवैधानिक इतिहास में विशेष महत्व है.

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