नयी किताब : साहस को सलाम

बाकी क्षेत्रों के मुकाबले खेलों में भारतीय लड़कियों की भागीदारी कुछ कम ही रही है. इसके लिए हमारा समाज जिम्मेदार रहा है. एक तरफ तो हमारे खेलने के प्रति समाज सकारात्मक रवैया नहीं रखता, वहीं दूसरी तरफ उसके मन में हम बेटियों को लेकर असुरक्षा का डर भी रहता है. हालांकि, इधर कुछ समय से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 22, 2019 7:54 AM
बाकी क्षेत्रों के मुकाबले खेलों में भारतीय लड़कियों की भागीदारी कुछ कम ही रही है. इसके लिए हमारा समाज जिम्मेदार रहा है. एक तरफ तो हमारे खेलने के प्रति समाज सकारात्मक रवैया नहीं रखता, वहीं दूसरी तरफ उसके मन में हम बेटियों को लेकर असुरक्षा का डर भी रहता है. हालांकि, इधर कुछ समय से भारतीय लड़कियां अब हर खेल में अपने हाथ आजमा रही हैं और तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में दम-खम दिखा कर अपनी पहचान भी बना रही हैं.
खेलों को लेकर उनमें न सिर्फ जज्बा है, बल्कि जीवटता भी है, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहता है. उनके जज्बे को सलाम करने के लिए वरिष्ठ खेल पत्रकार अभिषेक दुबे और संजीब मुखर्जी ने एक किताब ‘शी डेयर्ड: वुमेन इन इंडियन स्पोर्ट्स’ लिखी है. रूपा प्रकाशन से आयी यह किताब में दर्जनभर से अधिक महिला खिलाड़ियों के अदम्य साहस से हमारा परिचय कराती है.
‘शी डेयर्ड’ किताब में हिरन्या : दि गोल्डेन गर्ल्स, धाविका पीटी उषा, एथलिट अश्विनी नचप्पा, भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी, एथलिट अंजू बॉबी जॉर्ज, मुक्केबाज मैरी कॉम, टेनिस िखलाड़ी सानिया मिर्जा, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, पीवी सिंधु और अश्विनी पोनप्पा, पहलवान साक्षी मलिक, एथलिट दीपा मलिक, ट्रैक एथलिट सांथी सुंदराजन और दुती चंद, जिमनास्ट दीपा कर्माकर और तीरंदाज दीपिका कुमारी आदि शामिल हैं.
अभिषेक दुबे दो दशक से भी अधिक समय से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों को कवर करते आ रहे हैं. उन्होंने खेलों पर कई और किताबें भी लिखी हैं. संजीब मुखर्जी भी दशकभर से ज्यादा समय से खेल पत्रकारिता करते आ रहे हैं.
जाहिर है, इन दोनों खेल पत्रकारों के पास ऐसे बहुत से अनुभव होंगे, जो मैदान से इतर उन्हें मिले होंगे. खिलाड़ियों की हार-जीत के बाद या पहले या खेल के दौरान उनकी त्वरित भावनाओं के गवाह बने होंगे. उनके जज्बे को महसूस किया होगा. खिलाड़ियाें से साक्षात्कार के वक्त उनकी सोच से रूबरू हुए होंगे. इन्हीं सब बातों से होकर महिला खिलाड़ियों के संक्षिप्त जीवन परिचय के साथ उनके खेल और साहस को सलाम करती यह किताब दोनों ने लिखी है, जो लड़कियों के लिए प्रेरणा की स्रोत से कम नहीं है. खेल-प्रेमी को यह किताब पढ़नी चाहिए.
शफक महजबीन

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