इराक: सरकार विरोधी प्रदर्शन में अब तक 319 की मौत, 15 हजार से ज्यादा नागरिक गंभीर रूप से घायल

बगदाद: इराक में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बीते एक महीने के अंदर तकरीबन 319 लोगों की मौत हो गयी जबकि 15 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हैं. शनिवार को भी चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी जब ईराकी सेना विरोध कर रहे लोगों को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 11, 2019 8:59 AM

बगदाद: इराक में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बीते एक महीने के अंदर तकरीबन 319 लोगों की मौत हो गयी जबकि 15 हजार से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हैं. शनिवार को भी चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गयी जब ईराकी सेना विरोध कर रहे लोगों को पीछे धकेलने की कोशिश कर रही थी. यही नहीं, इस दौरान इराकी सेना के जवानों ने उन टेंटो में भी आग लगी दी थी जिसका इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों द्वारा अस्थायी ठिकानों के तौर पर किया जा रहा था.

इराकी पार्लियामेंट्री ह्यूमन राइट्स कमिटी ने जानकारी दी है कि देश में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शऩ में अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वहीं पंद्रह हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. गंभीर रुप से घायलों में दो दर्जन से ज्यादा छात्र भी शामिल हैं.

बगदाद सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक सरकार के खिलाफ किया जा रहा ये प्रदर्शन इराक के मशहूर तहरीर चौक के एक किलोमीटर के दायरे में खालानी कमर्शियल एरिया में केंद्रित है. रविवार को ईराकी सुरक्षाकर्मियों ने यहां प्रदर्शनकारियों के खिलाफ टियरगैस सहित कई अन्य हथियारों का उपयोग किया. बड़ी संख्या में मरने वाले इन लोगों में दो वैसे भी नागरिक शामिल हैं जिन्होंने राजधानी बगदाद से तकरीबन 450 किमी दूर दक्षिणी शहर में इराकी सेना की कार्रवाई में मारे गए.

स्कूली छात्र भी कार्रवाई में हो गए घायल

इसी बीच नासिरियाह शहर में एक इंटरमीडिएट स्कूल के 23 छात्र भी घायल हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ये छात्र प्रदर्शन में शामिल नहीं थे बल्कि दुर्घटनावश इनको चोटें आईं. कहा जा रहा है कि जब इराकी सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ टियर गैस का इस्तेमाल कर रही थी उसी समय गलती से एक कैनन स्कूल के अहाते में फट गया. हालांकि घायल छात्रों की स्थिति कितनी गंभीर है इस बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है. प्रशासनिक अधिकारी अभी इस घटना के बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.

बीते एक महीने से जारी है विरोध प्रदर्शन

बता दें कि इराक में बीते एक महीने से लोग बेरोजगारी, सरकारी स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार और बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि साल 2003 में तानाशाह, राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के पतन के बाद से ये सबसे खराब हालात हैं. इराकी सेना भले ही विरोध प्रदर्शन के दमन में लगी हो लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मौजूदा सरकार को बर्खास्त कर देश में नये सिरे से चुनाव करवाया जाए.

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