मालदीव में द एशियाई स्पीकरों के सम्मेलन के घोषणापत्र में कश्मीर पर पाक के दावे की अनदेखी

माले : मालदीव में दक्षिण एशिया के स्पीकरों के शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा, कश्मीर मुद्दा उठाये जाने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल किये जाने के एक दिन बाद सोमवार को बैठक ने जिस माले घोषणापत्र को स्वीकार किया उसमें इस मुद्दे पर पाकिस्तान के सभी दावों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2019 7:29 PM

माले : मालदीव में दक्षिण एशिया के स्पीकरों के शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा, कश्मीर मुद्दा उठाये जाने के पाकिस्तान के प्रयासों को विफल किये जाने के एक दिन बाद सोमवार को बैठक ने जिस माले घोषणापत्र को स्वीकार किया उसमें इस मुद्दे पर पाकिस्तान के सभी दावों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया.

भारत और पाकिस्तान के बीच इस मुद्दे पर मालदीव की संसद (मजलिस) में सम्मेलन के दौरान तीखी बहस हुई थी. इस सम्मेलन में दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिनिधि जुटे थे. लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया, दक्षिण एशियाई स्पीकरों के सम्मेलन में माले घोषणापत्र को स्वीकार करने के दौरान पाकिस्तानी संसद के प्रतिनिधि द्वारा किये गये सभी दावों की अनदेखी की गयी. नेशनल असेंबली में पाकिस्तान के डिप्टी स्पीकर ने सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा के दौरान कश्मीर मुद्दे को उठाने का प्रयास किया था. उसके बाद भारत ने तुरंत व्यवस्था का प्रश्न उठाया. इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सूरी को, भारतीय प्रतिनिधि, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को बोलने देने को कहा, लेकिन पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद शोर-शराबा हुआ.

हरिवंश ने भारत के आंतरिक मुद्दे को उठाने और मंच का राजनीतिकरण करने के लिए पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला. सूत्रों ने बताया कि माले घोषणापत्र में खाद्य सुरक्षा, पोषण और नौकरियों पर भारत का रुख प्रमुखता से दिखा. शिखर बैठक से इतर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने भूटानी समकक्ष वांगचुक नामग्येल के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय हित के मामलों पर विस्तार से चर्चा की.

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