PM मोदी- CM योगी के गढ़ पूर्वांचल में ही सबसे मजबूत रहा सपा-बसपा गठबंधन

लखनऊ: कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और यूपी को जीतने के लिए पूर्वांचल को जीतना जरूरी है. इसी सूत्र के जरिए भाजपा 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद अब 2019 में यूपी में सबसे ज्यादा सीटें जीतने में सफल रही. दो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2019 12:02 PM
लखनऊ: कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है और यूपी को जीतने के लिए पूर्वांचल को जीतना जरूरी है. इसी सूत्र के जरिए भाजपा 2014 लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद अब 2019 में यूपी में सबसे ज्यादा सीटें जीतने में सफल रही. दो कट्टर विरोधी सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा मायावती हाथ मिलाने के बाद भी भाजपा के विजय रथ को रोक पाने में नाकाम रहे. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ पूर्वांचल में ही सपा-बसपा गठबंधन मजबूती से उभरा.
पूर्वांचल में कुल 26 लोकसभा और 130 विधानसभा सीटें हैं. इसी पूर्वांचल की वाराणसी सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. इसके अलावा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर गोरखपुर और भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय की संसदीय सीट चंदौली भी है. भाजपा के ये तीनों दिग्गज अपनी-अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे, लेकिन पूर्वांचल के गढ़ को पिछले लोकसभा चुनाव की तरह नहीं बचा सके हैं. हालांकि, बाकी यूपी के हिस्से में सपा-बसपा गठबंधन अपना प्रभाव नहीं दिखा सका. पूर्वांचल की 26 लोकसभा सीटों में से भाजपा 17 और दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल (एस) जीतने में कामयाब रही. जबकि बसपा को छह और सपा को एक सीट मिली है.
2014 में भाजपा ने इन 26 सीटों में से 25 पर जीत दर्ज की थी और एक सीट सपा को मिली थी. 2014 के मुाबले 2019 में भाजपा को सीधे तौर पर छह सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. अखिलेश यादव पूर्वांचल को साधने के लिए सपा के गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ की जमीन पर उतरे थे. बावजूद इशके वो आजमगढ़ सीट के सिवाय किसी दूसरी सीट पर प्रभाव नहीं दिखा सके. जबकि बसपा मोदी-योगी के गढ़ को ढाहने में काफी हद तक सफल रहा. पूर्वांचल की श्रावस्ती, घोसी, लालगंज, गाजीपुर, जौनपुर और अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर बसपा जीतने में कामयाब रही. भाजपा के लिए सबसे बड़ा झटका गाजीपुर रहा जहां से कद्दावर नेता मनोज सिन्हा की हार हुई.
जौनपुर जिले के मछलीशहर लोकसभा सीट बसपा महज 181 वोट से हारी. यही नहीं इसके अलावा कई और ऐसी सीटें हैं, जहां गठबंधन को बहुत कम अंतर से हार मिली है. बाहुबली मुख्तार अंसारी का असर पूर्वांचल में देखने को मिला. इसी का नतीजा था कि गाजीपुर में उनके भाई अफजाल अंसारी और घोषी सीट से उनके करीबी अतुल राय बसपा से जीतने में कामयाब रहे.
यूपी के नतीजे
उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से एनडीए 64 सीटें जीतने में कामयाब रही है. इनमें बीजेपी को 62 और अपना दल (एस) को 2 सीटें मिली हैं. इसके अलावा सपा-बसपा गठबंधन को 15 सीटें मिली हैं, इनमें से 10 बसपा और 5 सीटें सपा को मिली हैं. जबकि कांग्रेस महज एक सीट रायबरेली ही जीत सकी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी सीट अमेठी भी नहीं बचा सके.
पूर्वांचल की सीटें
पूर्वांचल में कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बांसगांव, फैजाबाद, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, डुमरियागंज, महाराजगंज, अंबेडकरनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आजमगढ़, घोषी, सलेमपुर, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वारणसी, भदोही, मिर्जापुर, फूलपुर, इलाहबाद और प्रतापगढ़ सीट आती है.

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