संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अमेरिका हुआ अलग, निकी हेली बोलीं – ‘ पाखंडी ”

वाशिंगटन: अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को कोसते हुए उससे अलग हाे गया है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने कहा है कि यह संगठन अपने इस नाम को योग्य नहीं है. अमेरिका का यह कदम बेहद अहम है. उसने आज खुद को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अलग करते हुए संगठन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 20, 2018 10:41 AM

वाशिंगटन: अमेरिका संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को कोसते हुए उससे अलग हाे गया है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने कहा है कि यह संगठन अपने इस नाम को योग्य नहीं है. अमेरिका का यह कदम बेहद अहम है. उसने आज खुद को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अलग करते हुए संगठन के सदस्यों के ‘‘ पाखंड ‘ के लिए उनकी आलोचना की और इस्राइल के खिलाफ बेहद कठोरता से भेदभाव बरतने का आरोप लगाया. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने वाशिंगटन में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ मिलकर यह घोषणा की.

हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष राजनयिक पोम्पिओ और हेली दोनों ने इस पर जोर दिया कि अमेरिका मानवाधिकारों की वकालत करने में सबसे आगे रहेगा लेकिन बहुत सारे लोगों के लिए यह वैश्विक संगठन और बहुपक्षीय कूटनीति के प्रति ट्रंप के द्वेष को दर्शाने वाला फैसला होगा. गौरतलब है कि हेली द्वारा इस घोषणा से पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिका – मैक्सिको सीमा पर आव्रजकों को उनके बच्चों से अलग करने की अमेरिकी नीति की आलोचना की थी.

हालांकि, हेली और पोम्पिओ का कहना है कि लंबे वक्त तक परिषद में सुधार और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले राष्ट्रों की सदस्यता खत्म करने के प्रयासों के बाद अमेरिका ने यह फैसला लिया है. हेली ने कहा, ‘‘ परिषद को मानवाधिकारों के प्रति गंभीर बनाने के लिए यह सुधार आवश्यक हैं. ‘ उन्होंने कहा,‘‘ लंबे समय से मानवाधिकार परिषद मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों का संरक्षक रहा है और राजनीतिक भेदभाव का गढ़ बना रहा है. दुख की बात है कि, अब यह स्पष्ट हो गया है कि सुधार की हमारी अपील नहीं सुनी जा रही है. ‘

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद की रिपोर्ट पर अकसर विवाद होता रहता है. उसने हाल में कश्मीर में मानव अधिकार उल्लंघन के लिएपाकिस्तान के साथ भारत को दोषी बताया था, जिसका भारत ने तीखा विरोध किया था. यह सर्वविदित है कि कश्मीर पाकिस्तान प्रायोजित से पीड़ित है.

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