रूस और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ रहे हैं

वाशिंगटन : अमेरिका में व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि उसके 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश देने का रूस का फैसला इस बात का संकेत है कि द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ रहे हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 30, 2018 2:53 PM

वाशिंगटन : अमेरिका में व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि उसके 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सेंट पीटर्सबर्ग में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश देने का रूस का फैसला इस बात का संकेत है कि द्विपक्षीय संबंध और बिगड़ रहे हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा, ‘‘ अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने की रूस की आज की कार्रवाई इस बात का संकेत देती है कि अमेरिका- रूस संबंध और बदतर हो रहे हैं.”

गौरतलब है कि रूस ने बदले की कार्रवाई करते हुए अमेरिका के 60 राजनयिकों को सात दिन के भीतर देश छोड़ने और 48 घंटों के भीतर सेंट पीटर्सबर्ग वाणिज्य दूतावास को बंद करने के लिए कहा है. सैंडर्स ने कहा, ‘‘ अमेरिका और 24 से अधिक देशों तथा नाटो सहयोगियों द्वारा इस सप्ताह रूस के अघोषित खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करना ब्रिटेन की सरजमीं पर रूस के हमला का उचित जवाब था.” इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने रूस के 60 राजनयिकों को निष्कासित करने और सीएटल में देश का महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया था.

सैंडर्स ने कहा कि रूस की प्रतिक्रिया‘‘ अप्रत्याशित नहीं” है और अमेरिका इससे‘‘ निपट” लेगा. अमेरिका के विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नोर्ट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘रूस की प्रतिक्रिया को तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता. हमारी कार्रवाई ब्रिटेन, ब्रिटिश नागरिक (पूर्व जासूस) और उनकी बेटी पर हमले की प्रतिक्रिया थी. याद रखे कि यह पहली बार है जब नर्व एजेंट नोविचोक का युद्ध से इतर मित्र देशों की सरजमीं पर इस्तेमाल किया गया.”

उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित करने का रूस का फैसला यह दिखाता है कि वह महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत करने का इच्छुक नहीं है. उन्होंने कहा कि रूसी जासूसों को निष्कासित करने के अमेरिका के फैसले में कई देश शामिल हैं. नोर्ट ने कहा, ‘‘हमने ये कदम अकारण हीं नहीं उठाए। हमने दुनियाभर में हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर ये कदम उठाए। अमेरिका के साथ 28 देशों ने 153 रूसी जासूसों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.”

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