सऊदी अरब ने पीएम हरीरी को हिरासत में रखा है : लेबनानी राष्ट्रपति

बेरूत : लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने बुधवार को सऊदी अरब पर देश के प्रधानमंत्री साद हरीरी को हिरासत में रखने का आरोप लगाया. हरीरी ने इस महीने की शुरुआत में यहीं से एक बयान जारी कर अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. आउन ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री साद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 15, 2017 8:32 PM

बेरूत : लेबनान के राष्ट्रपति मिशेल आउन ने बुधवार को सऊदी अरब पर देश के प्रधानमंत्री साद हरीरी को हिरासत में रखने का आरोप लगाया. हरीरी ने इस महीने की शुरुआत में यहीं से एक बयान जारी कर अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. आउन ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री साद हरीरी के 12 दिनों तक नहीं लौटने को किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता, इसलिए हम मानते हैं कि विएना समझौते के विरुद्ध जाते हुए उन्हें हिरासत में रखा गया है.

सऊदी अरब के अल-अरेबिया टीवी चैनल पर चार नवंबर को पढ़े गये एक बयान में हरीरी के अचानक इस्तीफा दे देने की घोषणा के बाद से ही उनके ऐसा करने के पीछे की परीस्थितियों के बारे में अटकलें लगायी जा रही थीं. ऐसी अफवाहें थीं कि प्रधानमंत्री जो सऊदी नागरिक हैं और यहीं पले बढ़े हैं, उन्हें गिरफ्तारी अभियान के तहत दर्जनों सऊदी निवासियों के साथ हिरासत में ले लिया गया है. इस अभियान को रियाद ने भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का हिस्सा बताया था. लंबे समय से सऊदी अधिकारियों से करीबी रखनेवाले हरीरी ने इन अफवाहों को गलत बताने के लिए अपनी पार्टी के टीवी चैनल के साथ एक साक्षात्कार करने पर जोर दिया ताकि वह बता सकें कि उन्हें यहां से वहां जाने की स्वतंत्रता है और वह आनेवाले दिनों में लेबनान लौट आयेंगे.

लेकिन, उनके घर लौटने के संकेत अभी मिलने बाकी हैं और फ्रांस समेत दूसरे देशों की तरफ से जारी बयानों ने सऊदी अरब में उनको पकड़ लिये जाने की अटकलों को और बढ़ावा दिया है. कई दिनों बाद अपने पहले ट्वीट में मंगलवार को उन्होंने हिरासत में लिये जाने की अफवाहों को एक बार फिर से नकार दिया था. उन्होंने लिखा, मैं बिलकुल ठीक हूं और अल्लाह के शुक्र से आनेवाले दिनों में लौट आऊंगा. कृपया शांति बनाये रखें. आउन ने अभी आधिकारिक रूप से हरीरी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है और कहा है कि वह तब तक ऐसा नहीं करेंगे जब तक कि वह व्यक्तिगत तौर पर उनसे मिल नहीं लेते. हालांकि, उन्होंने राजनीतिक संकट के बीच लेबनान की स्थिरता को लेकर पैदा हो रहे खतरे को शांत कराने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, देश सुरक्षित है और वित्तीय बाजार ठीक से काम कर रहे हैं.

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