अजीत डोभाल बीजिंग पहुंचे, डोकलाम विवाद पर चीनी राष्‍ट्रपति से करेंगे मुलाकात

नयी दिल्ली/बीजिंग : सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ गुरुवार से शुरू हो रही बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंच गये. डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 27, 2017 6:49 PM

नयी दिल्ली/बीजिंग : सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ गुरुवार से शुरू हो रही बैठक में भाग लेने के लिए चीन पहुंच गये. डोभाल ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की दो दिवसीय बैठक में भाग लेंगे. डोभाल की यात्रा से सिक्किम क्षेत्र के डोकलाम इलाके में एक महीने से चल रहे गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच समाधान निकलने की संभावना बढ़ गयी है.

आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार, डोभाल ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे. भारतीय सेना ने भारत-भूटान-चीन सीमा पर चीनी सेना को सड़क बनाने से रोक दिया था जिसके बाद एक महीने से ज्यादा समय से चीन और भारत की सेना आमने-सामने है. बताया जा रहा है कि डोभाल डोकलाम में जारी विवाद पर चर्चा करने के लिए चीन के स्टेट काउंसलर यांग जिएची से भी मुलाकात करेंगे. डोभाल और यांग दोनों भारत-चीन सीमा व्यवस्था के विशेष प्रतिनिधि हैं. डोभाल और यांग साथ मिलकर एक सम्मानजक हल निकाल सकते हैं. दोनों देशों की सेना पीछे हटने का फैसला कर सकती है और चीन डोकलाम में सड़क नहीं बनाने का आश्वासन दे सकता है.

डोभाल ब्रिक्स देशों के दूसरे सदस्यों से भी डोकलाम में जारी विवाद का हल निकलने के लिए आग्रह कर सकते हैं. वो इस मामले में ब्रिक्स देशों के दूसरे सदस्यों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं. डोभाल की यात्रा के मद्देनजर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बुधवार को दोहराया था कि भारत जब तक डोकलाम इलाके से सेना को बिना शर्त वापस नहीं बुलाता तब तक उसके साथ कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती.

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