Mahashivratri 2021: देवाधिदेव महादेव क्यों धारण करते हैं चंद्रमा और त्रिशूल, तीसरी आंख का रहस्य पता है आपको?

Mahashivratri 2021: सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाले शिव शंकर डमरू, त्रिशूल और मस्तक पर चंद्रमा धारण करते हैं. अगर शिव शंभु की तीसरी आंख खुल जाए तो प्रलय आना निश्चित है. क्या आप जानते हैं आखिर शिव जी गले में नाग, जटा में गंगा, सिर पर चंद्रमा और हाथ में डमरू और त्रिशूल क्यों धारण करते हैं?

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2021 2:49 PM

Mahashivratri 2021:  शिवजी क्यों धारण करते हैं चंद्रमा और त्रिशूल, तीसरी आंख का क्या है महत्व?

Mahashivratri 2021: सभी मनोकामनाएं पूरी करने वाले शिव शंकर डमरू, त्रिशूल और मस्तक पर चंद्रमा धारण करते हैं. अगर शिव शंभु की तीसरी आंख खुल जाए तो प्रलय आना निश्चित है. क्या आप जानते हैं आखिर शिव जी गले में नाग, जटा में गंगा, सिर पर चंद्रमा और हाथ में डमरू और त्रिशूल क्यों धारण करते हैं? इन सबकी जानकारी आपको पौराणिक कथाओं में मिलेगी. पौराणिक कथाओं में वर्णित भगवान शिव के हाथों में डमरू की कहानी बड़ी ही रोचक है. कहा जाता है कि सृष्टि के आरंभ में जब देवी सरस्वती प्रकट हुई तब देवी ने अपनी वीणा के स्वर से सृष्टि में ध्वनि को जन्म दिया. इस ध्वनि में न तो सुर था और न ही संगीत. सृष्टि के आरंभ से आनंदित शिव जी ने जैसे ही नृत्य आरंभ किया और 14 बार डमरू बजाया तभी उनके डमरू की ध्वनि से व्याकरण और संगीत के छंद-ताल का जन्म हुआ. प्रभात खबर में देखिए महाशिवरात्रि और महादेव का कनेक्शन.

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