आरक्षित हाईस्कूल शिक्षकों की सीटों पर भी होगी नियुक्ति, 60 हजार पदों पर नियुक्ति की तैयारी तेज

झारखंड शिक्षक नियुक्ति को लेकर इंतजार लंबा हो रहा है. अब झारखंड राज्य के प्लस टू विद्यालयों में अब हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित सीटें रिक्त नहीं रहेंगी. अगर आरक्षित पद पर शिक्षक सफल नहीं होते हैं, तो रिक्त पदों को सीधी नियुक्ति के लिए आवेदन जमा करनेवाले अभ्यर्थियों से भर दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2022 4:43 PM

आरक्षित हाईस्कूल शिक्षकों की सीटों पर भी होगी नियुक्ति, 60 हजार पदों पर नियुक्ति की तैयारी तेज

झारखंड शिक्षक नियुक्ति को लेकर इंतजार लंबा हो रहा है. अब झारखंड राज्य के प्लस टू विद्यालयों में अब हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित सीटें रिक्त नहीं रहेंगी. अगर आरक्षित पद पर शिक्षक सफल नहीं होते हैं, तो रिक्त पदों को सीधी नियुक्ति के लिए आवेदन जमा करनेवाले अभ्यर्थियों से भर दिया जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्लस टू शिक्षक नियुक्ति नियमावली में किये गये संशोधन में इसका प्रावधान किया गया है.

प्लस टू विद्यालय की नियुक्ति में हाइस्कूल के शिक्षकों के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित है. अब तक झारखंड गठन के बाद प्लस टू विद्यालयों में जब भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, हाइस्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित आधी से अधिक सीटें रिक्त रह गयीं. विज्ञान विषयों में तो रिक्त सीटों की संख्या 50 फीसदी से अधिक थी.

धि व कार्मिक विभाग को भेजी गयी नियमावली

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने बदलाव के बाद नियमावली को शिक्षा मंत्री की सहमति के बाद वित्त, विधि व कार्मिक विभाग को भेजा था. विभागों ने भी सहमति दे दी है. अब संशोधित नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.

60 हजार नए पदों के सृजन में पेच फंसा

झारखंड में शिक्षकों के 60 हजार नए पदों के सृजन में पेच फंस गया है. पद वर्ग समिति ने 60 हजार शिक्षकों के नए पदों के सृजन पर आपत्ति जतायी है. समिति ने पद सृजन और इस पर नियुक्ति से राज्य सरकार पर वित्तीय भार बढ़ने की बात कही है। पद सृजन के बाद उन पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होती है और हर शिक्षक को 30 हजार रुपए महीने वेतन दिया जाता है तो झारखंड सरकार पर मासिक 180 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

2160 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार

सरकार पर सालाना 2160 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार हो जाएगा वित्तीय भार को देखते हुए पदवर्ग समिति ने स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के पद सृजन के प्रस्ताव में कटौती करने का सुझाव दिया है। शिक्षा विभाग अब सुझाव पर अमल करने की तैयारी कर रहा है. राज्य में बच्चों के अनुपात के आधार पर करीब 72 हजार शिक्षकों के पद सृजन करने की आवश्यकता थी। शिक्षा विभाग ने 60 हजार पदों के सृजन की तैयारी शुरू की

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