Deoghar: रावण के मुष्टि-प्रहार से हुई शिवगंगा की उत्पत्ति, डुबकी लगाने से मिलती है रोगों से मुक्ति
ऐसी मान्यता है कि रावण ने मुष्टि-प्रहार कर पाताल से गंगा को यहां अवतरित किया था. सावन महीने में बाबा पर जल चढ़ाने के लिए जब कांवरिये सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर देवघर आते हैं, तो सबसे पहले शिवगंगा में ही स्नान करते हैं और फिर उसके उपरांत संकल्प कर ही बैद्यनाथ मंदिर में जल चढ़ाते हैं.
By ArbindKumar Mishra |
April 16, 2024 5:41 PM
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श्रावण महीने में देवघर के बैद्यनाथ मंदिर में जलार्पण करना सबसे पुण्य माना जाता है. जब देवघर में बाबा का दर्शन करने आते हैं, तो शिवगंगा में डुबकी लगाना बिल्कुल भी न भूलें. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि यहां डुबकी लगाने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है. शिवगंगा का अपना इतिहास है. ऐसी मान्यता है कि रावण ने मुष्टि-प्रहार कर पाताल से गंगा को यहां अवतरित किया था. सावन महीने में बाबा पर जल चढ़ाने के लिए जब कांवरिये सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर देवघर आते हैं, तो सबसे पहले शिवगंगा में ही स्नान करते हैं और फिर उसके उपरांत संकल्प कर ही बैद्यनाथ मंदिर में जल चढ़ाते हैं.
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