UP News: 61 साल बाद यूपी में लौट रहा जम्बूरी, पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ

UP News: राजधानी लखनऊ इस बार नवंबर में एक ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बनेगी. पूरे 61 साल बाद उत्तर प्रदेश को भारत स्काउट एंड गाइड्स की 19 वीं राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी का अवसर मिला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने जा रही है.

By Pritish Sahay | September 22, 2025 9:50 PM

UP News: राजधानी लखनऊ इस बार नवंबर में एक ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बनेगी. पूरे 61 साल बाद उत्तर प्रदेश को भारत स्काउट एंड गाइड्स की 19 वीं राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी का अवसर मिला है. 23 से 29 नवंबर तक चलने वाले इस महाशिविर का उद्घाटन 24 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इस दौरान वृंदावन योजना इलाके में एक भव्य गेटेड टेंट सिटी बसाई जाएगी, जहां देश-विदेश से आए हजारों युवा एक साथ जुटेंगे.

सीएम योगी की मेजबानी में होगा आयोजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने जा रही है. हजारों युवाओं के लिए सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से लैस टेंट सिटी विकसित की जाएगी. यह आयोजन सिर्फ एक सांस्कृतिक या खेलकूद का महोत्सव नहीं, बल्कि युवाओं को अनुशासन, आत्मनिर्भरता और टीमवर्क की सीख देने वाला युवा शक्ति का महापर्व होगा.

29 सितंबर को भूमि पूजन

इस भव्य आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. 29 सितंबर को भूमि पूजन कार्यक्रम होगा, जिसमें योगी सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण और स्काउट गाइड संगठन के पदाधिकारी शामिल रहेंगे. यहीं पर लगभग 35 हजार प्रतिभागियों के ठहरने की क्षमता वाली अस्थायी टेंट सिटी तैयार की जाएगी.

छह दशक बाद यूपी में वापसी

भारत में पहली बार जम्बूरी 1953 में हैदराबाद में हुआ था, जबकि 1964 में प्रयागराज ने चौथे राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी की थी. अब 61 साल बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश को यह ऐतिहासिक मौका मिला है.

एडवेंचर, स्पोर्ट्स और संस्कृति का संगम

जम्बूरी के दौरान युवा स्काउट्स और गाइड्स एडवेंचर एक्टिविटीज, खेल, विज्ञान प्रदर्शनी और सांस्कृतिक आयोजनों में हिस्सा लेंगे. यहां केवल मनोरंजन ही नहीं बल्कि जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का भी अवसर मिलेगा.

पीएम मोदी से जुड़ा है खास रिश्ता

प्रधानमंत्री मोदी का जम्बूरी से पुराना रिश्ता रहा है. वर्ष 2009 में स्काउटिंग के 100 वर्ष पूरे होने पर अहमदाबाद में आयोजित जम्बूरी में वे बतौर मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. अब बतौर प्रधानमंत्री वे फिर से इस आयोजन में शिरकत करेंगे और 32 हजार से अधिक युवाओं को संबोधित करेंगे.

युवाओं के लिए प्रेरणा का मंच

यह आयोजन केवल एक शिविर नहीं बल्कि नेतृत्व, जिम्मेदारी और सामाजिक दायित्व सिखाने का बड़ा मंच साबित होगा. जम्बूरी इस बात का संदेश देगा कि संगठित होकर आगे बढ़ने वाली युवा शक्ति भविष्य की दिशा बदल सकती है.