UP News: अवैध घुसपैठ पर योगी सरकार का सख्त प्रहार, रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान कर निष्कासन की प्रक्रिया तेज

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर निर्णायक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई घुसपैठिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड और अन्य स्थानीय पहचान पत्र बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक दिखाने का प्रयास कर रहे हैं.

By Pritish Sahay | December 6, 2025 11:31 AM

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर निर्णायक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. राज्य सरकार ने इसे प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और कानून-व्यवस्था से जुड़ा गंभीर विषय मानते हुए सभी 17 नगर निगमों और प्रमुख शहरी निकायों को तत्काल अपने क्षेत्र में कार्यरत संदिग्ध विदेशी नागरिकों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं. सरकारी स्तर पर यह स्पष्ट किया गया है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे देश में अवैध रूप से बसने की कोशिश कर रहे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस, एलआईयू, खुफिया एजेंसियों और नगर निकायों के संयुक्त समन्वय से यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है.

हर मंडल में बनेंगे डिटेंशन सेंटर, सुरक्षा के कड़े इंतजाम प्रदेश सरकार ने अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को रखने के लिए विशेष डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की तैयारी भी तेज कर दी है. राज्य के सभी मंडलों में चरणबद्ध तरीके से डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे. इसके लिए जिलों में खाली सरकारी भवनों, सामुदायिक केंद्रों, पुलिस लाइन के हिस्सों और पुराने प्रशासनिक परिसरों को चिन्हित किया जा रहा है. इन केंद्रों को हाई सिक्योरिटी ज़ोन के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां घुसपैठियों को तब तक रखा जाएगा, जब तक उनके मूल देश में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती. इन सेंटरों की निगरानी प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम करेगी, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही की गुंजाइश न रहे.

फर्जी दस्तावेजों के सहारे पहचान छुपाने की कोशिश

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई घुसपैठिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड और अन्य स्थानीय पहचान पत्र बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक दिखाने का प्रयास कर रहे थे. इसी वजह से अब दस्तावेजों के सत्यापन की विशेष मुहिम शुरू की गई है. नगर निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके यहां सफाई कर्मी, निर्माण मजदूर, घरेलू कामगार, फेरीवाले और असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे सभी संदिग्ध नागरिकों के दस्तावेजों की गहन जांच की जाए. जहां भी संदेह की स्थिति बने, वहां तत्काल पुलिस और खुफिया एजेंसियों को
सूचना दी जाए.

सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और जनहित सर्वोपरि

राज्य सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई किसी समुदाय या वर्ग के खिलाफ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और जनहित की रक्षा के लिए की जा रही है. अवैध घुसपैठ से न केवल आंतरिक सुरक्षा पर खतरा बढ़ता है, बल्कि स्थानीय संसाधनों, रोजगार और सामाजिक संतुलन पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है.

अन्य राज्यों के मॉडल का होगा अध्ययन

अधिकारियों के अनुसार उत्तर प्रदेश में बनने वाले डिटेंशन सेंटरों की व्यवस्था अन्य राज्यों में संचालित मॉडल के आधार पर विकसित की जाएगी. यहां रहने, भोजन, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े न्यूनतम मानकों का पालन किया जाएगा, साथ ही सभी प्रक्रियाएं संविधान और कानून के दायरे में रहकर पूरी की जाएंगी.

सरकार का स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तर प्रदेश में अवैध गतिविधियों, फर्जी पहचान और देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के लिए कोई जगह नहीं है. इस कार्रवाई के जरिए सरकार ने एक बार फिर संकेत दिया है कि कानून सबके लिए समान है और
किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं किया जाएगा.