UP News: “रोजगार दो–सामाजिक न्याय दो” पदयात्रा के चौथे दिन कूरेभार से कटका तक उमड़ा जनसैलाब, भर्ती घोटालों पर AAP नेता संजय सिंह का सरकार पर हमला

UP News: उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी और अन्याय के खिलाफ आम आदमी पार्टी की “रोजगार दो–सामाजिक न्याय दो” पदयात्रा के चौथे दिन कूरेभार से कटका तक हजारों लोग उमड़ पड़े. पदयात्रा के दौरान आप सांसद संजय सिंह ने आशा बहुओं की समस्याओं को सुना और उनकी आवाज को सड़क से लेकर संसद तक उठाने की बात कही. कूरेभार में युवाओं ने सांसद संजय सिंह से मिलकर रोजगार की मांग को सदन में उठाने की बात कही.

By Pritish Sahay | November 16, 2025 7:28 PM

UP News: उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी और अन्याय के खिलाफ आम आदमी पार्टी की “रोजगार दो–सामाजिक न्याय दो” पदयात्रा के चौथे दिन कूरेभार से कटका तक हजारों लोग उमड़ पड़े. हर मोड़, हर गांव पर लोगों की भीड़ ने यह साफ कर दिया कि प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है. कूरेभार में युवाओं ने सांसद संजय सिंह से मिलकर रोजगार की मांग को सदन में उठाने की बात कही. इस दौरान पटना चौराहे पर पिंकू सिंह और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास आशा बहुओं ने अपने नेता संजय सिंह के साथ ही पदयात्रा का जोरदार स्वागत किया. कूरेभार बाजार, गुफ्तारगंज बाजार, बाबूगंज और कटरा बाजार में भी पदयात्रा का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. अयोध्या से प्रयागराज तक चलने वाली यह 200 किमी लंबी पदयात्रा शुक्रवार को जब रात्रि विश्राम के लिए कूरेभार पहुंची तो लोगों का भावनात्मक जुड़ाव साफ दिख रहा था. रात और ठंड की चिंता न करते हुए जिस तरह लोगों ने इस पदयात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया, उससे आम आदमी पार्टी पर लोगों के भरोसे और उम्मीद को साफ देखा जा सकता था.

सुल्तानपुर की तकलीफ मेरा व्यक्तिगत दर्द- संजय सिंह

सुल्तानपुर पहुंचकर आप सांसद संजय सिंह भावुक होते हुए बोले कि सुल्तानपुर मेरा गृह जनपद है. यहां की तकलीफ़ मेरे लिए आंकड़े नहीं, व्यक्तिगत दर्द है. उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में जिले की बुनियादी सुविधाओं की स्थिति बद से बदतर हुई है. सांसद संजय सिंह ने कहा कि सुल्तानपुर की सड़कें किसी जिले की नहीं, बल्कि भेदभाव की कहानी लगती हैं. सड़कें इतनी टूटी हुई हैं कि गड्ढे गिनने बैठो तो एक साल कम पड़ जाए. रोज़ाना लोग हादसों के डर में सफर करते हैं. किसी जनपद के लिए इससे बड़ी बदहाली क्या होगी? वहीं बिजली कटौती भी जिले का एक बड़ा संकट है. यहां 24 घंटे में मुश्किल से 10 घंटे बिजली आती है. जिसके चलते बच्चे पढ़ नहीं पा रहे, दुकानदार काम नहीं कर पा रहे हैं. लंबी कटौतियों से आम आदमी का जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.

Rojgar do samajik nyay do yatra

आशा बहुओं की समस्याओं का सदन में उठाने का आश्वासन

पदयात्रा के दौरान आप सांसद संजय सिंह ने आशा बहुओं की समस्याओं को सुना और उनकी आवाज को सड़क से लेकर संसद तक उठाने की बात कही. उन्होंने कहा कि आशा बहुएं ऐसे समय में महिलाओं का जीवन बचाने का काम करती है जब उनका जीवन सबसे ज्यादा संकट में होता है, लेकिन उनके काम को देखते हुए उनको मिलने वाला मानदेय बेहद कम है. उन्होंने कहा कि यह आशा बहुओं के साथ अन्याय है. उन्होंने आशा बहू से वादा किया कि जब भी देश के सर्वोच्च सदन में मुझे बोलने का अवसर मिलेगा मैं आशा बहुओं की आवाज को पुरजोर तरीके से उठाऊंगा.

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विभिन्न जगहों पर पदयात्रा का जोरदार स्वागत

वंशराज दुबे,  सुरेश चंद्र,  राकेश सिंह, कुलदीप यादव, रौनक़ सिंह, देवांश सिंह, बृजेश सिंह, रामशंकर गौतम ने सुल्तानपुर में विभिन्न जगहों पर पदयात्रा का स्वागत किया. सुल्तानपुर में चरमरा चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर संजय सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी तक हाल यह है कि अस्पतालों में दवा नहीं, जांच नहीं, डॉक्टर नहीं है. लोगों को बीमारी से कम सिस्टम से ज्यादा लड़ना पड़ रहा है. उन्होंने याद दिलाया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में “कागज पर एक्स-रे रिपोर्ट” देने की घटना पूरे यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल देती है.

पेपर लीक प्रदेश की पहचान बन गया—8 सालों में युवाओं के सपने तोड़ दिए गए

युवाओं की बेरोजगारी पर संजय सिंह ने कहा कि पिछले 8 सालों में उत्तर प्रदेश में एक भी शिक्षक भर्ती नहीं हुई. UPTET हो, पुलिस भर्ती हो, या फिर RO/ARO हो- हर परीक्षा पेपर लीक के चलते पूरी नहीं हो पाई. और भ्रष्टाचार और पेपर लीक के चलते आयोग द्वारा परीक्षा रद्द कर दी गई. इससे युवाओं के सपनों को हर बार धोखा मिला. उन्होंने कहा कि पेपर लीक अब यूपी की पहचान बन चुका है. यह सिलसिला बताता है कि भर्ती तंत्र पूरी तरह चरमरा चुका है, और जब तक कठोर कार्रवाई, पारदर्शी व्यवस्था और जवाबदेही तय नहीं होती, तब तक युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता.  सांसद संजय सिंह ने कहा कि यही कारण है कि जब ‘रोज़गार दो, सामाजिक न्याय दो’ पदयात्रा सुल्तानपुर पहुंची, तो हजारों लोगों ने बेरोजगारी, महंगाई और बदहाल बुनियादी सुविधाओं के खिलाफ अपनी आवाज इस आंदोलन से जोड़ी. उन्होंने कहा कि “सुल्तानपुर की लड़ाई मेरी व्यक्तिगत लड़ाई है, और यह आंदोलन जनता के हक के लिए जारी रहेगा.