युवा व बच्चे मिल रहे कोरोना के ज्यादा शिकार

जिले में कोरोना की बढ़ रही रफ्तार से अब हर किसी की चिंता बढ़ रही है. हालांकि, राहत की बात है कि पॉजिटिव मिल रहे अधिकतर लोग सरकारी कोरेंटिन सेंटर में रह रहे होते हैं.

By Prabhat Khabar | June 14, 2020 11:57 PM

कोडरमा : जिले में कोरोना की बढ़ रही रफ्तार से अब हर किसी की चिंता बढ़ रही है. हालांकि, राहत की बात है कि पॉजिटिव मिल रहे अधिकतर लोग सरकारी कोरेंटिन सेंटर में रह रहे होते हैं. ऐसे में गांव-घर या शहर में ज्यादा खतरे की स्थिति नहीं बन रही है, पर एक-दो लोगों की लापरवाही के कारण कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर आंकड़ों को देखें तो संक्रमितों में ज्यादा युवा व बच्चे हैं. अब तक कोरोना पॉजिटिव के सामने आये 127 मामलों में युवा व नाबालिग बच्चों की संख्या ज्यादा है.

रिकॉर्ड के अनुसार अब तक संक्रमित मिले लोगों में 96 युवा (19-40 वर्ष) तो 21 नाबालिग (0-18 वर्ष) शामिल हैं. मात्र 10 लोग ऐसे हैं जिनकी उम्र 40 से ऊपर की है. 13 जून की देर रात एक साथ संक्रमित मिले 36 लोगों में एक चार वर्षीय बच्चा भी शामिल है. इन 36 की बात करें तो इसमें छह नाबालिग हैं. चार वर्षीय बच्चा डोमचांच के पेसरा खरकार का रहनेवाला है. स्वाब जांच में उसके माता-पिता की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. वहीं पेसरा खरकार की ही एक 11 वर्षीय बच्ची पॉजिटिव मिली है.

इस बच्ची के पिता की भी रिपोर्ट पॉजिटिव है, पर इसके मां व भाई की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. अन्य नाबालिग की बात करें तो डोमचांच के दुरोडीह महथाडीह निवासी 17 वर्षीय बालक शामिल है. दो अन्य नाबालिग से जुड़ा मामला ऐसा है जिसके पूरे परिवार की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. 15 वर्ष की लड़की व 17 वर्ष के लड़के के माता-पिता भी संक्रमित मिले हैं. ये परिवार पिपचो जयनगर का है और बीते दिन दूसरे प्रदेश से कोडरमा लौटे थे. इसके अलावा एक और 17 वर्षीय नाबालिग डोमचांच के पुरनाडीह का रहने वाला है.

जानकार बताते हैं कि कोरोना की रफ्तार बड़े शहरों खासकर रेड जोन इलाकों में ज्यादा है. ऐसे में इन शहरों से सफर कर अपने गृह जिला पहुंचने वाले लोग आसानी से शिकार बन रहे हैं और इसमें सबसे ज्यादा युवा इसलिए शामिल हैं, क्योंकि अपने गांव-घर से मजदूरी या पैसा कमाने के लिए यही सबसे ज्यादा बाहर रह रहे हैं. लॉकडाउन के बाद उत्पन्न हुई स्थिति में इन्हें अपने घर लौटना पड़ रहा है, तो कोडरमा जैसी जगह पर कोरोना के शिकार मिलने वालों में इनकी उम्र वालों की संख्या ज्यादा है. राहत की बात है कि युवाओं में इम्यूनिटी पावर अच्छी रहने के कारण वे जल्द स्वस्थ भी हो रहे हैं.

जिले में अब तक 43 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं. कोरोना को मात देने वालों में बच्चे भी शामिल हैं.पहली बार 69 वर्ष की वृद्धा मिली संक्रमित13 जून की देर रात संक्रमित मिले 36 लोगों में एक 69 वर्ष की बुजुर्ग महिला भी शामिल है. डोमचांच के रायडीह की रहनेवाली इस महिला के 39 वर्षीय बेटे की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी है, जबकि युवक की पत्नी व बेटे की रिपोर्ट निगेटिव अायी है. जिले में अब तक मिले संक्रमितों में अगर 40 से ऊपर उम्र वालों की बात करें तो इनकी संख्या मात्र 10 है.

यही नहीं 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के किसी व्यक्ति के संक्रमित मिलने का पहला मामला जिला में सामने आया है. हालांकि, सभी की ट्रेवल हिस्ट्री है.नये संक्रमितों में पति-पत्नी, भाई-भाई भी शामिलसंक्रमण के 36 नये मामलों को देखें तो इसमें पति-पत्नी, भाई-भाई, मां-बेटे, पिता-पुत्र, पिता-पुत्री शामिल हैं. चंदवारा के खांडी के रहने वाले 23 व 22 वर्ष का युवा दंपती कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जबकि डोमचांच के रायडीह के रहने वाले 34 व 28 वर्ष का दंपती भी पॉजिटिव निकले हैं.

पिता-पुत्र की बात करें तो जयनगर के पिसपिरो के रहनेवाले 50 वर्षीय व्यक्ति व उसका 20 वर्ष का पुत्र कोरोना पॉजिटिव है. डोमचांच के पुरनाडीह के रहनेवाले दो भाई भी संक्रमित मिले हैं, इनकी उम्र क्रमश: 24 व 30 वर्ष है. डोमचांच के पुरनाडीह के रहने वाले 32 व 41 वर्ष तथा कोडरमा के पत्थलडीहा के रहने वाले 23 व 27 वर्ष के पति-पत्नी भी संक्रमित पाये गये हैं.

मुंबई, दिल्ली से लौटकर आने वाले ज्यादा संक्रमितअब तक संक्रमित मिले लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री देखें तो इसमें से 57 ऐसे लोग हैं जो रेड जोन मुंबई से लौटे हैं, जबकि 20 दिल्ली से वापस आये हैं. इसके अलावा सूरत से आठ, चेन्नई से छह व अन्य बड़े शहरों से लौटे लोगों की संख्या अलग-अलग है. संक्रमितों में विदेश से लौटे लोग भी शामिल हैं. बीते दिन मिशन वंदे भारत के तहत बांग्लादेश से लौटे नौ लोग पॉजिटिव पाये गये थे. संक्रमितों में मात्र तीन ऐसे लोग हैं जिनकी ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है. इन्हें अपने रिश्तेदार के बाहर से लौटने के बाद घर आने की वजह से संक्रमण का शिकार होना पड़ा था.

Posted by : Pritish Sahay

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