वासंतिक नवरात्र और नववर्ष कल से, 28 से छठ महापर्व, दो को रामनवमी

वासंतिक नवरात्र व हिंदू नव वर्ष 25 मार्च से शुरू हो रहा है. इस बार कोरोना वायरस के कारण इसे सादगीपूर्ण मनाने का निर्णय लिया गया है. सादगी के बीच मां के आगमन की तैयारी हो रही है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मां कोरोना वायरस को हर लेगी और सभी भक्तों को आशीर्वाद देकर विदा होंगी.

By Pritish Sahay | March 24, 2020 2:48 AM

राजकुमार – रांची : वासंतिक नवरात्र व हिंदू नव वर्ष 25 मार्च से शुरू हो रहा है. इस बार कोरोना वायरस के कारण इसे सादगीपूर्ण मनाने का निर्णय लिया गया है. सादगी के बीच मां के आगमन की तैयारी हो रही है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मां कोरोना वायरस को हर लेगी और सभी भक्तों को आशीर्वाद देकर विदा होंगी. इस बार नौ दिनों तक मां की आराधना होगी. किसी भी तिथि की घटी-वृद्धि नहीं है, इसलिए इसे शुभ माना जा रहा है. बुधवार को दिन के 3:51 बजे तक प्रतिपदा तिथि है. उदया तिथि में प्रतिपदा मिलने के कारण पूरे दिन प्रतिपदा तिथि मान्य होगी.

28 से चैती छठ शुरू : 28 मार्च से चैती छठ महापर्व शुरू हो जायेगा. चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय का अनुष्ठान होगा. इस दिन व्रत धारी प्रातः स्नान ध्यान कर भगवान आदित्यनाथ को अर्घ्य देंगे. बिना किसी विघ्न बाधा के पर्व संपन्न हो जाए इसके लिए कामना होगी. 29 मार्च को दूसरे दिन खरना का अनुष्ठान होगा. दिनभर व्रतधारी उपवास रखकर सूर्यास्त के बाद भगवान की पूजा अर्चना करेंगे. खीर, रोटी, केला आदि का नैवेद्य अर्पित कर सबकी मंगल कामना की प्रार्थना करेंगे. 30 मार्च को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जायेगा और 31 मार्च को उदयाचल गामी भगवान को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जायेगा.

दो अप्रैल को रामनवमी : दो अप्रैल को रामनवमी मनायी जायेगी. इस दिन मध्याह्न व्यापिनी नवमी तिथि मिलने के कारण इस दिन भगवान राम की पूजा होगी. इसी दिन पुनर्वसु नक्षत्र भी मिल रहा है. इसके पहले 25 मार्च से हिंदू नव वर्ष शुरू हो जायेगा़ इस दिन राजधानी के विभिन्न मंदिरों में भक्त मां की आराधना के लिए जाएंगे और पूरे वर्ष भर की खुशहाली के लिए प्रार्थना करेंगे. नव वर्ष प्रमाथी शुरू हो रहा है. वर्ष का राजा बुध है. इस दिन भगवान का नाम लेकर तेल उबटन आदि लगाकर नया वस्त्र धारण कर घर में झंडा लगाने, नये साल का पंचांग श्रवण करने और इसका दान करने का विशेष महत्व है. इसी दिन से कृषि कार्य की भी शुरुआत हो जाती है.

मां का आगमन शुभ : इस नवरात्र में मां के आगमन और गमन का महत्व नहीं रहता है. फिर भी कुछ पंचांग के अनुसार मां का आगमन नाव पर हो रहा है जो शुभ माना जा रहा है. इस दिन रेवती नक्षत्र मिल रहा है, जो रात 5:45 बजे तक है. इस दिन प्रात काल से ही मां की आराधना शुरू हो जायेगी और कलश स्थापना कर मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जायेगी. इस दिन अभिजीत मुहूर्त दिन के 11.35 से 12:23 बजे तक है. हालांकि इस नवरात्र में इस मुहूर्त का विशेष महत्व नहीं है. मां का गमन मुर्गा पर होगा, जो सही नहीं माना गया है.

किस दिन कौन सी तिथि

26 मार्च : द्वितीया शाम 5:53 बजे तक

27 मार्च : तृतीया शाम 7:39 तक

28 मार्च : चतुर्थी रात 9:00 बजे तक

29 मार्च : पंचमी रात 10:02 तक

30 मार्च : षष्ठी रात 10:29 तक

31 मार्च : महासप्तमी रात 10:24 तक

01 अप्रैल: महाअष्टमी रात 9:50 बजे तक

02 अप्रैल : महानवमी रात 8:46 बजे तक

03 अप्रैल: विजयादशमी शाम 7:19 बजे तक

भुतहा तालाब. शेड में स्थापित होगी मां की प्रतिमा, सदस्यों ने मंडप के बांस खोले : रांची : श्री चैती दुर्गा पूजा महासमिति भुतहा तालाब की आपातकालीन बैठक सोमवार को हुई. बैठक की अध्यक्षता महासमिति के अध्यक्ष रवि कुमार पिंकू ने की. झारखंड में लॉक डाउन होने के कारण इस बार श्री चैती दुर्गा पूजा महासमिति द्वारा सादगी से पूजा करने निर्णय लिया गया है. यहां 1926 से पूजा भव्य तरीके से होती आ रही है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि तीन अप्रैल को होनेवाला भव्य भंडारा को स्थगित किया जाता है. साथ ही विसर्जन शोभायात्रा सदस्यों के साथ सादगीपूर्ण तरीके से जायेगी.

विसर्जन शोभायात्रा पूजा प्रांगण से सीधे लाइन टैंक तालाब तक जायेगी. वहीं 25 मार्च को कलश स्थापना होगी. इसमें भक्तों के आगमन पर रोक लगा दी गयी है. यहां साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए करते सादगीपूर्ण पूजा करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही पंडाल निर्माण में इस्तेमाल हो रहे बांसों को खोला गया. इस इस बार मां भवानी की प्रतिमा शेड में स्थापित की जायेगी. बैठक में महासमिति के मुख्य संरक्षक किशोर साहू, महामंत्री गोपाल पारीक, कोषाध्यक्ष संजय सिंह आदि मौजूद थे.

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