नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर अपर प्राइमरी उम्मीदवारों ने किया प्रदर्शन, पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की

पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर उम्मीदवारों का आंदोलन जारी है. आज एक बार फिर अपर प्राइमरी उम्मीदवारों ने कालीघाट में प्रदर्शन शुरु कर दिया है. पुलिस की ओर से प्रदर्शन को रोकने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

By Shinki Singh | November 16, 2022 2:03 PM

पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर उम्मीदवारों का आंदोलन जारी है. आज एक बार फिर अपर प्राइमरी उम्मीदवारों ने कालीघाट में प्रदर्शन शुरु कर दिया है. पुलिस की ओर से प्रदर्शन को रोकने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. आरोप है कि इस दौरान पुलिस और उम्मीदवारों के बीच धक्का-मुक्की हुई है. वहीं कई उम्मीदवारों को चोट भी आई है. अपर प्राइमरी उम्मीदवारों की मांग है कि उनलोगों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरु किया जाएं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगर नियुक्ति प्रक्रिया को शुरु नहीं करती है तो आगे इससे भी भयावह आंदोलन किया जाएगा.

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पुलिस उम्मीदवारों को प्रदर्शन स्थल से बसों में भरकर ले जा रही है

अपर प्राइमरी उम्मीदवारों के प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल का उतारा गया है. पुलिस की ओर से सभी उम्मीदवारों को बसों में भर कर ले जाया जा रहा है. कई उम्मीदवारों को टैक्शी में उठा कर पुलिस को ले जाना पड़ा है. हालांकि अपर प्राइमरी उम्मीदवारों का कहना है कि पुलिस की ओर जबरजस्ती खींच तान करने की वजह से कई उम्मीदवारों को चोट आई है. वहीं कई उम्मीदवारों के कपड़े फाड़ दिये गये है. ऐसे में उम्मीदवारों ने एक बार फिर प्रशासन की व्यवस्था पर उंगली उठाई है.  कई उम्मीदवार लहूलुहान हो गये है वहीं कई बेहोश पड़ हुए है. पुलिस का कहना है कि मामले को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है. अगर उम्मीदवार कानून को अपने हाथ में लेने का प्रयास करते है तो प्रशासन की ओर से कड़े कदम उठाये जाएंगे.

बीत गये 8 वर्ष नहीं मिली नौकरी 

कोलकाता की सड़कों पर टेट उम्मीदवारों का हंगामा जारी है. उनकी मांग है कि उन्हें नौकरी दी जाएं या फिर मौत दी जाएं. प्रदर्शनकारियों बस के पहिए के पास लेटकर विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं. टेट उम्मीदवारों का कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हमारी तकलीफ नहीं दिख रही है. हमने परीक्षा पास की है तो हमें नौकरी मिलनी चाहिए. उम्मीदवारों का एक हो स्लोगन है कि वह अब जीना नहीं चाहते है. लगभग 8 वर्ष का वक्त बीत चुका है और अब तक नौकरी के लिए इंतजार कर रहे है.

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