महज 12 वर्ष की उम्र में इस महिला तैराक ने ओलंपिक में जीत लिया था मेडल, 85 साल से कायम है रिकॉर्ड

Tokyo Olympic 2021: इंगे का जन्म 18 जुलाई, 1924 को डेनमार्क के मछुवारों के गांव स्कोवशेड में हुआ था. इनका परिवार भी मछली पकड़ता था. इसका फायदा इंगे सोरेनसेन को मिला और तीन वर्ष की उम्र में ही तैराकी स्पर्धाओं में भाग लेने लगीं.

By Prabhat Khabar | June 25, 2021 12:46 PM

Tokyo Olympic 2021: जूनियर खिलाड़ी 12 वर्ष की उम्र में स्पर्धाओं के लिए अपने को तैयार करते हैं, लेकिन महिला तैराक इंगे सोरेनसेन ने ऐसा कमाल किया, जो ओलिंपिक के इतिहास में दर्ज हो गया. ओलिंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में सबसे कम उम्र में मेडल जीतने का रिकॉर्ड अब भी इंगे सोरेनसेन के नाम है. करीब 85 वर्ष बाद भी कोई इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं सका है. वर्ष 1936 में 11वें ओलिंपिक गेम्स का आयोजन बर्लिन में किया गया था. इसमें करीब 49 देशों ने हिस्सा लिया था. करीब 3963 एथलीट शामिल हुए, जिनमें 331 महिलाएं थीं. उस समय तैराकी में जर्मन, ब्रिटेन, अमेरिका के तैराकों का दबदबा था.

8 अगस्त, 1936 को 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक स्पर्धा की शुरुआत हुई, तो इंगे सोरेनसेन दावेदारों की सूची से काफी दूर थीं. कई रिकॉर्डधारी इसमें हिस्सा ले रही थीं. हालांकि पहली हीट में ही इंगे सोरेनसेन ने छाप छोड़ा और 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक स्पर्धा को 3:06.7 मिनट में पूरा किया. शीर्ष पर रहते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाइ किया. सेमीफाइनल में भी इंगे ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन जापान की अनुभवी 25 वर्षीय हिडेको मिहाता से पिछड़ गयी. हिडेको उस समय इंगे से 13 वर्ष बड़ी थीं.

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हालांकि 11 अगस्त को होनेवाली फाइनल स्पर्धा में जाने से इंगे को कोई रोक नहीं सका. फाइनल में सबकी निगाहें इंगे पर थीं, लेकिन हिंडेको ने बादशाहत कायम रखते हुए 3:03.6 मिनट का समय निकाल कर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. वहीं जर्मनी की मार्था लुडोविका ने 3:04.2 मिनट का समय निकाल कर रजत, तो इंगे ने 3:07.8 मिनट का समय निकाल कर कांस्य पदक जीता. रजत जीतनेवाली मार्था भी इंगे से उम्र में 10 वर्ष बड़ी थीं.

इंगे का जन्म 18 जुलाई, 1924 को डेनमार्क के मछुवारों के गांव स्कोवशेड में हुआ था. इनका परिवार भी मछली पकड़ता था. इसका फायदा इंगे सोरेनसेन को मिला और तीन वर्ष की उम्र में ही तैराकी स्पर्धाओं में भाग लेने लगीं. कई जूनियर स्पर्धाओं में मेडल जीतने के बाद कोपेनहेगन में 1936 में आयोजित डेनिश चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर ओलिंपिक के लिए डेनमार्क टीम में जगह बनाने में सफल रहीं.

विश्व युद्ध के कारण खत्म हो गया करियर

बर्लिन 1936 ओलिंपिक में मेडल जीतने के बाद इंगे सोरेनसेन ने शानदार प्रदर्शन जारी रखा. लंदन में 1938 में आयोजित यूरोपियन चैंपियनशिप के 200 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक स्पर्धा में गोल्ड जीता. अगले ओलिंपिक में इन्हें बड़ा दावेदार माने जाने लगा था, पर 1939 से दूसरा विश्व युद्धा शुरू हो गया, जिसकी वजह से 1940 का ओलिंपिक रद्द कर दिया गया. इंगे सोरेनसेन ने 1941 में 400 मीटर और 500 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में विश्व रिकॉर्ड भी बनाया, लेकिन 1944 का ओलिंपिक भी रद्द होने की वजह से उन्होंने तैराकी से संन्यास ले लिया. इंगे सोरेनसेन शादी के बाद डेनमार्क छोड़ कर अमेरिका में बस गयीं थीं. 9 मार्च, 2011 को 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था. – विधान चंद्र मिश्र

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