Jharkhand News: लातेहार में हुए टाना भगतों के हंगामे पर झारखंड हाईकोर्ट गंभीर, 30 लोग गिरफ्तार

लातेहार कोर्ट में हुए टाटा भगतों के आंदोलन को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए कहा है कि ये पुलिस इंटीलिजेंस की विफलता है. इस मामले पर मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब किया. कोर्ट के निर्देश के बाद मुख्य सचिव व डीजीपी सशरीर उपस्थित हुए.

By Sameer Oraon | October 12, 2022 11:31 AM

रांची : लातेहार सिविल कोर्ट में 10 अक्तूबर को टाना भगतों के प्रदर्शन और फिर लाठी चार्ज की घटना को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए घटना पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा : ऐसा प्रतीत होता है कि लातेहार सिविल कोर्ट परिसर में इतनी बड़ी घटना का होना पुलिस इंटेलिजेंस की विफलता है.

खंडपीठ ने मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब किया. कोर्ट के निर्देश के बाद मुख्य सचिव व डीजीपी सशरीर उपस्थित हुए. खंडपीठ ने मुख्य सचिव व डीजीपी से पूछा कि अदालत परिसर में इतनी संख्या में प्रदर्शनकारी कैसे पहुंच गये. पुलिस का इंटेलिजेंस विफल रहा. अदालत की सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. साथ ही खंडपीठ ने मामले में विस्तृत रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 20 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की.

क्या है मामला

सोमवार को टाटा भगतों का समूह लातेहार कोर्ट का घेराव करने गया था. जहां पुलिस से झड़प हो गयी. टाना भगत व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार को जबरन खोल कर परिसर में प्रवेश कर गये थे और न्यायालय की छत पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे थे. जब उन्हें अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, तो वह और उग्र हो गये और पुलिस पर ही पत्थरबाजी करने लगे थे. इसमें थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता के साथ आठ पुलिसकर्मी घायल हो गये थे.

इसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की. इस क्रम में आंदोलनकारियों ने व्यवहार न्यायालय के बाहर खड़ी पीसीआर वैन के साथ-साथ कोर्ट परिसर में खड़े कोर्ट मैनेजर राजीव रंजन के आर्टिगा वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. अंत में एसपी अंजनी अंजन ने स्वयं मोर्चा संभाला और आक्रोशित टाना भगतों को खदेड़ा. इसके बाद आंदोलनकारी शहर के विभिन्न गली-मोहल्लों से होते हुए भाग खड़े हुए.

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