Gorakhpur News: एसपी कुशीनगर ने भ्रष्टाचार के आरोप में थानेदार और एक सिपाही को किया निलंबित, मुकदमा दर्ज

दोनों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है. बालू तस्करों से कई महीने से बालू खनन का पैसा पुलिसकर्मियों द्वारा लिया जा रहा था. सोशल मीडिया पर वायरल एक चैट में एक ठेकेदार द्वारा सिपाही के खाते में 13,500 रुपए ट्रांसफर किए जाने का मामला है.

By Prabhat Khabar | May 10, 2022 10:39 PM

Gorakhpur News: कुशीनगर जिले के पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बरवापट्टी के थानेदार सहित दो पुलिसकर्मियों को कर्तव्य पालन के प्रति लापरवाही और अनैतिक कृत्य में लिप्त पाए जाने पर निलंबित किया है. एसपी ने बैंक खाते में रिश्वत लेने के मामले में कार्रवाई की है. दोनों पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है. बालू तस्करों से कई महीने से बालू खनन का पैसा पुलिसकर्मियों द्वारा लिया जा रहा था. सोशल मीडिया पर वायरल एक चैट के आधार पर यह कार्रवाई हुई है. चैट में एक ठेकेदार द्वारा सिपाही के खाते में 13,500 रुपए ट्रांसफर किए जाने का मामला है.

सिपाही के माध्यम से खनन माफियाओं से वसूलते थे

कुशीनगर जिले में पुलिसिया संरक्षण में हो रहे बालू खनन का मामला सामने आया है. बरवापट्टी थाने में तैनात सिपाही द्वारा बैंक खाते में रिश्वत लेने का खुलासा हुआ है. सिपाही ने बालू खनन माफिया से अपने खाते में घूस लेने के बाद उसी के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था. बरवापट्टी थाने के थानेदार खुद खनन कराते थे और सिपाही के माध्यम से खनन माफियाओं से वसूली करते थे. मामला सामने आने के बाद एसपी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए बरवापट्टी थाने के एसएचओ सुरेश चंद्र राम और सिपाही मंगेश कुमार के खिलाफ बरवापट्टी थाने में ही मुकदमा दर्ज कराने के साथ-साथ उन्हें निलंबित कर दिया. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच सीईओ तमकुहीराज को सौंपी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद अभियुक्तों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

थानेदार के संरक्षण में हो रही थी वसूली

कुशीनगर जिले के बरवा पट्टी थाना क्षेत्र से गुजरने वाली गंडक नदी में पुलिस की संरक्षण में बालू खनन का अवैध धंधा पल बढ़ रहा है. इसकी चर्चा सरेआम हो रही है. कई बार इस थानाक्षेत्र में बालू लदी ट्राली और अन्य वाहन पार कराने में पुलिस द्वारा वसूली किए जाने के मामले सामने भी आए हैं. मगर कुछ अफसरों के मेहरबानी के कारण यह मामला सामने नहीं आया. इस थाने में एक सिपाही इन खनन माफियाओं से अपने खाते में ही वसूली की रकम मंगा लिया करता था. यह सब कार्य थाने के थानेदार के संरक्षण में किया जाता था. इतना ही नहीं अगर किसी खनन माफिया ने रिश्वत की रकम देने से मना किया तो उसके ऊपर मुकदमा भी दर्ज कर दिया जाता था.

जांच कराई तो मामला खुलता चला गया

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब एक बालू खनन माफिया के ऊपर रिश्वत देने के बाद भी मुकदमा दर्ज हो गया. बालू खनन माफिया ने पूरे मामले को सामने रख दिया. खनन माफिया ने सिपाही मंगेश्वर कुमार के खाते में अवैध बालू खनन करने के नाम पर दिए जाने वाले रिश्वत का कई बार लेनदेन किया था. शिकायत मिलने के बाद कुशीनगर के एसपी धवल जायसवाल ने पूरे मामले की जांच कराई तो मामला खुलता चला गया. इसके बाद एसपी ने सख्त कार्रवाई करते हुए बरवापट्टी के थानेदार सुरेश चंद्र राम और सिपाही मनकेश्वर कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके ऊपर मुकदमा दर्ज करा दिया.

प्रथम दृष्‍टया दोष सिद्ध

इस पूरे मामले में कुशीनगर के एसपी धवल कुमार जयसवाल ने बताया कि बालू तस्करों के साथ थानाध्यक्ष बरवापट्टी और एक सिपाही द्वारा अवैध वसूली किया जाता था. इसके कुछ अभिलेखों का जिक्र किया गया था. मामले में थानाध्यक्ष और एक सिपाही को निलंबित कर उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसकी जांच सीओ तमकुहीराज को दी गई है. जांच में आरोपित की प्रथम दृष्टया पुष्टि पाई गई है. आगे की जांच चल रही है. जांच की रिपोर्ट आने पर विभागीय कार्रवाई भी इनके ऊपर की जाएगी.

रिपोर्ट: कुमार प्रदीप

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