School Reopen News : बंगाल में 11 महीने बाद आज से खुले स्कूल, बंगाल बंद के कारण नहीं दिखी रौनक

school reopen in bengal latest news : बंगाल में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के करीब एक साल बाद 12 फरवरी से क्लास 10वीं और 12वीं की स्कूल खोली जाएगी. सरकार ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही राज्य में स्कूल खोले जाएंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2021 9:13 AM
  • इससे School Reopen : बंगाल में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के करीब एक साल बाद 12 फरवरी से क्लास 10वीं और 12वीं की स्कूल खोली जाएगी.

  • सरकार ने इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही राज्य में स्कूल खोले जाएंगे.

  • इधर, वाममोर्चा ने राज्य में 12 घंट का बंद बुलाया है. बंगाल बंद के कारण स्कूलों में रौनकें नहीं दिखी.

बता दें कि राज्य में आज वाममोर्चा द्वारा बंगाल बंद का आह्वान किया गया है, जिससे कई इलाकों में स्कूल नहीं खुलने की भी खबर रही है. बंगाल में 11 महीने बाद शिक्षा विभाग न स्कूल खोलने का निर्देश जारी किया था.

बच्चों को स्कूल भेजने से पहले पैरेंट्स को कोरोना के नियमों सहित कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. सरकार ने इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दिया है. गाइडलाइन के मुताबिक अगर आपके बच्चों में बुखार का लक्षण दिखें तो उसे स्कूल न भेजें. साथ ही स्कूल भेजने से पहले गार्जियन यह सुनिश्चित कर लें कि बच्चे के पास मास्क (Mask) और सैनेटाइजर की व्यवस्था है या नहीं. इदर लेफ्ट के बंगाल बंद आह्वान से स्कूल प्रबंधकों की चिंता बढ़ गई है.

स्कूल खोलने की सूचना के बीच राज्य में वाममोर्चा द्वारा 12 घंटे का बंद बुलाया गया है. सीपीएम के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में यह मार्च बुलाया गया है.

इधर, स्टेट फोरम ऑफ हेडमास्टर्स एंड हेडमिस्ट्रेस की तरफ से राज्य भर के प्रधानाध्यापक और प्रधानाध्यापिकाओं ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamata banerjee) को खुली चिट्ठी भेजी है. इस कवायद में पहले ईमेल के माध्यम से 10/2/2021 को एक साथ दिन के 12.00 बजे खुली चिट्ठी भेजी गयी. पुन: डाक के माध्यम से भी यह खुली चिट्ठी भेजी गयी है. संस्था के सेक्रेटरी चंदन कुमार माइती ने बताया कि विगत सात फरवरी को प्रधानाध्यपक और प्रधानाध्यापिकाओं के राज्य सम्मेलन में इस तरह का एक प्रस्ताव पारित किया गया था.

प्रधानाध्यापकों का कहना है कि मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है. विगत एक वर्ष से अपनी उपेक्षा के बारे में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षा मंत्री से बार-बार मिलने और बात करने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. वर्ष 1998 से ही प्रधानाध्यापकों के वेतनमान को क्रमशः कम किया जा रहा है. 2011 में तो दिया गया कुछ और तथा दिखाया गया कुछ और. इन सारी विसंगतियों के विषय में बार-बार बताने पर भी कोई नतीजा सामने नजर नहीं आ रहा है. बंगाल में 11 महीने बाद आज से खुले स्कूल जाने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

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Posted By : Avinish kumar mishra

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