West Bengal : बैरकपुर का एक ऐसा स्कूल जहां पढ़नेवाले मात्र 4 और पढ़ानेवाले है 17

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित अधिकतर सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं.लेकिन उत्तर 24 परगना के बैरकपुर शिल्पांचल की कहानी इससे काफी जुदा है. यहां दर्जनों ऐसे स्कूल हैं, जहां गिनती के विद्यार्थी हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर शिक्षक नियुक्त हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2022 3:00 PM

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित अधिकतर सरकारी स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. छात्रों के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं. इसके चलते एक शिक्षक दो कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ा रहे हैं. लेकिन उत्तर 24 परगना के बैरकपुर शिल्पांचल की कहानी इससे काफी जुदा है. यहां दर्जनों ऐसे स्कूल हैं, जहां गिनती के विद्यार्थी हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर शिक्षक नियुक्त हैं. इसका खुलासा हाल ही में आरटीआइ के जरिये हुआ है. आरटीआइ से मिली जानकारी के मुताबिक, बैरकपुर शिल्पांचल में 45 ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जहां 20 से भी कम विद्यार्थी पढ़ते हैं. इनमें से दर्जनों स्कूलों में शिक्षकों की संख्या विद्यार्थियों से दोगुना या तीन गुना से अधिक है. आंकड़ों पर गौर करें तो इन 45 स्कूलों में कुल 279 छात्र-छात्राएं हैं, जबकि शिक्षकों की संख्या 233 हैं. 10 ऐसे भी स्कूल है, जहां न शिक्षक हैं और न विद्यार्थी.इस कारण ये स्कूल लगभग बंद पड़े है.

Also Read: West Bengal : विधानसभा में मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे शुभेंदु, ममता ने भाई कह किया सम्बोधित
इन स्कूलों में चौंकानेवाली स्थिति

सोदपुर सुशीलकृष्ण शिक्षायतन चौ फॉर ब्वॉयज (हाई स्कूल) की बात करें , तो यहां पांचवीं से 10वीं कक्षा तक से की पढ़ाई होती है, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या मात्र चार है. आरटीआइ श्री के मुताबिक यहां 35 शिक्षक नियुक्त हैं. जबकि प्रधानाध्यापक का कहना है कि वर्तमान में यहां कुल 17 शिक्षक हैं. घोला भुवनेश्वरी बालिका विद्यामंदिर का हाल देखें तो यहां भी पांचवीं से 10वीं तक की पढ़ाई होती है. लेकिन छात्राओं की संख्या मात्र नौ और शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या 14 है. स्कूल के टीचर्स भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं. यही हाल मद्राल हाइ स्कूल (कोएड) का भी है. यहां पांचवीं से 10वीं तक चलनेवाली कक्षाओं में मात्र 10 विद्यार्थी है, जबकि शिक्षकों की संख्या 12 है.

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक

सोदपुर सुशील कृष्ण शिक्षायतन फॉर ब्वॉयज के प्रधानाध्यापक अमित एच ने बताया कि हमारे स्कूल में मात्र चार छात्र है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अभिभावकों का रुझान अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की और बढ़ा है. छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए आसपास के प्राथमिक विद्यालयों के हेडमास्टरों से बातचीत भी की गयी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. वहीं घोला भुवनेश्वरी बालिका विद्यामंदिर प्रधानाध्यापिका चंदना बास्के का कहना है कि हमारे स्कूल में नौ छात्राएं और 14 टीचर्स हैं. अभिभावक भी अपने बच्चों का दाखिला ऐसे स्कूल में करा रहे हैं. जो उच्च माध्यमिक तक हो. साथ ही अधिकतर अभिभावक अब अपने बच्चों के एडमिशन के लिए नामी स्कूलों का चयन कर रहे हैं.

डीआइ का बात करने से इंकार

आरटीआइ में हुए इस खुलासे के संबंध में जिला शिक्षा विभाग चुप्पी साधे हुए है. उत्तर 24 परगना के बैरकपुर एजुकेशनल के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल (डीआइ) शांतनु सिन्हा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बैठक में होने और व्यस्तता का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

Also Read: West Bengal: अनुब्रत को नहीं मिली जमानत, 9 दिसंबर तक रहेंगे जेल हिरासत में

रिपोर्ट : मनोरंजन सिंह उत्तर 24 परगना

Next Article

Exit mobile version