Prabhat Khabar Impact: धनबाद के निरसा से नकली लॉटरी टिकट कारोबारी हुए गायब, झरिया में धंधा परवान पर

धनबाद के निरसा में नकली लॉटरी टिकट के कारोबार की खबर प्रभात खबर में छपते ही अवैध धंधेबाज गायब हो गए. खबर छपने के बाद एमपीएल ओपी पुलिस शनिवार को पांड्रा मोड़, नीलकोठी क्षेत्र में छापेमारी करने पहुंची, पर वहां कोई नहीं मिला. इधर निरसा के अलावा झरिया में भी अवैध धंधेबाजों का कब्जा है.

By Prabhat Khabar | September 17, 2023 12:53 PM

Dhanbad News: धनबाद जिला के निरसा क्षेत्र में चल रहे नकली लॉटरी टिकट के कारोबार की खबर प्रभात खबर में छपने के बाद अवैध धंधेबाज क्षेत्र छोड़ कर भाग गये हैं. कई पूजा करने के नाम पर गायब हैं, तो कई ने गोपनीय स्थान पर शरण ले ली है. इधर, खबर छपने के बाद एमपीएल ओपी पुलिस शनिवार को पांड्रा मोड़, नीलकोठी क्षेत्र में छापेमारी करने पहुंची, पर वहां कोई नहीं मिला. मालूम हो कि शुक्रवार को इस संबंध में खबर प्रकाशित होने पर पुलिस रेस हो गयी है, तो दूसरी ओर अवैध कारोबारियों में भी हड़कंप है. हालांकि नाम नहीं छापने की शर्त पर लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई को लीपापोती की संज्ञा दी. कहा कि पांड्रा मोड़ में पूरे दिन पुलिस की गश्ती गाड़ी लगी रहती है, पर वहां यह धंधा बेरोकटोक चलता है.

महिलाएं भी हैं शामिल

इस धंधे में ना सिर्फ पुरुष, बल्कि घरेलू महिलाएं भी शामिल हैं. वह भी सुबह से लेकर शाम तक टिकट की बिक्री में जुटी रहती हैं. मालूम हो कि वर्ष 2019 से पहले झारखंड में पश्चिम बंगाल से लाकर डियर नामक टिकट की अनधिकृत रूप से बिक्री की जाती थी. लॉकडाउन के समय स्थानीय स्तर पर इसकी छपाई डियर गंगा, टेस्ला व पैरोट के नाम से शुरू हो गयी. निरसा क्षेत्र के पी साव, ए साव व आसनसोल के एस कुमार के घर में छपाई की मशीन लगायी गयी. यहीं से टिकट छाप कर उसे मारुति वैन, स्कूटी, बाइक व बस से थोक विक्रेताओं को भेजा जाता है. आसनसोल के एस कुमार की रिश्तेदारी निरसा में है. वह इस धंधे का मास्टरमाइंड है.

दूसरे जिले व पश्चिम बंगाल में खपायी जाती है टिकट

इस धंधे में लगभग 500 एजेंट जुड़े हैं. इसमें निरसा, पांड्रा, गोपालगंज, शासनबेड़िया, नीलकोठी मोड़, बेनागड़िया, जुगीतोपा, जोराडीह, तेतुलिया, पूर्णी मोड़, केलियासोल व शंकरडीह के युवक शामिल हैं.

प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद एमपीएल ओपी पुलिस ने दी दबिश, कोई नहीं मिला

  • निरसा के अलावा झरिया में भी अवैध धंधेबाजों का कब्जा, कंगाल हो रहे हैं मजदूर और अन्य लोग

  • पुलिस की कार्रवाई को आइवाश बताया, बोले लोग : पांड्रा मोड़ में दिन भर खड़ी रहती है पुलिस, पर जारी रहता है धंधा

  • निरसा में धंधे का मास्टरमाइंड है आसनसोल का एस कुमार, रिश्तेदारी निरसा में है

सुबह सात से रात नौ बजे तक चलता है धंधा

धनबाद के निरसा चौक व बाजार में यह धंधा सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक चलता है. ज्ञात हो पुलिस की गश्ती गाड़ी भी उन इलाकों में खड़ी रहती है. जानकारों के अनुसार पांड्रा मोड़ इस अवैध कारोबार का सेफ जोन है. यहां भी पुलिस वैन खड़ी रहती है. पहले बंगाल की लॉटरी बिक्री रोकने के लिए छापेमारी भी होती थी, लेकिन इधर वह भी बंद है.

धंधे पर जिसका है राज

इस धंधे को लेकर निरसा में ए साव, एके साव, पी साव, जी रवानी, पी धीवर, एम बाउरी, बी मंडल, एन छूतार, एस कुंभकार, डी कुंभकार, एस बिस्टू, बीके धीवर, एम अंसारी, बिरला ढाल के जी गुप्ता, एम साव, बी रवानी, जी घोष का राज है. वो अपने अंडर में लोगों से काम कराते हैं.

बराकर व दामोदर नदी से भेजा जाता है टिकट

इलाके से गुजरने वाली बराकर नदी अवैध धंधेबाजों के लिए सुगम रास्ता है. यहां से नाव से टिकट जामताड़ा, नारायणपुर, पबीया व चित्तरंजन भेजे जाते हैं. वहीं, केलियासोल क्षेत्र से गुजरने वाले दामाेदर नदी से पश्चिम बंगाल के रघुनाथपुर टिकट भेजा जाता है. इसके अलावा कार से झरिया, सुदामाडीह, गोविंदपुर, टुंडी, बलियापुर आदि इलाकों में टिकट भेजा जाता है. पांड्रा के रवानी के पास आज करोड़ों की जमीन है. निरसा के ए साव ने केवल तीन वर्ष में काफी जमीन निरसा के अलावा पश्चिम बंगाल में खरीदी है. लक्ष्मीनगर का एके साव भी करोड़ों का मालिक बन गया है.

झरिया इलाके में बीसीसीएल कर्मियों और नाबालिग स्कूली बच्चों को बनाया एजेंट

इधर, झरिया कोयलांचल के झरिया, बस्ताकोला, जोड़ापोखर, जामाडोबा, डिगवाडीह, भागा, बरारी, भौंरा, मोहन बाजार, चासनाला, सुदामडीह, पाथरडीह, बोर्रागढ़, घनुडीह, लोदना, तिसरा एमओसीपी, जयरामपुर, जीनागोड़ा आदि इलाकों में अवैध लॉटरी का धंधा जोरों पर है. धंधेबाज पटना व बराकर (पश्चिम बंगाल) से डुप्लीकेट लॉटरी टिकट मंगवाते हैं. झरिया में इस सिंडिकेट में एसके, टी हसन, एम कुमार, इ हुसैन, एम कुमार, ए कुमार, एक के, बी कुमार, एस कुमार, आर कुमार आदि शामिल हैं. यहां गिरोह के सदस्यों ने बीसीसीएल कर्मियों व नाबालिग स्कूली बच्चों को एजेंट बना रखा है. उनके सहारे मुहल्ले व कॉलोनी में टिकट बेचे जाते हैं. लोगों को करोड़ों का सपना दिखाया जाता है. इसमें फंसकर गरीब अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं.

इन क्षेत्रों में बिक्री

झरिया के चिल्ड्रेन पार्क, बाटा मोड़, बलियापुर स्टैंड, लक्ष्मीनिया मोड़, चाय, खैनी व किराना दुकान समेत विभिन्न चौक-चौराहों पर सुबह होते ही टिकट की बिक्री शुरू हो जाती है. कई एजेंट कॉलोनियों घूम कर घरेलू महिलाओं को लालच देकर फंसाते हैं.

एसके है सरगना

झरिया का एसके यहां के गिरोह का सरगना है. उसके एजेंट सभी क्षेत्र में हैं. कई कारोबारी भी उसके चक्कर में फंस चुके हैं, तो रिक्शा चालक, फुटपाथी दुकानदार आदि कंगाल हो रहे हैं.

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