कलकत्ता हाइकोर्ट की इन बेंच में सिर्फ सांसदों, विधायकों के आपराधिक मामलों की होगी सुनवाई, जानें कब से शुरू होगी हियरिंग

कलकत्ता हाइकोर्ट में सांसदों, विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए अलग से बेंच का गठन किया गया है. हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने मौजूदा एवं पूर्व सांसदों और विधायकों की संलिप्तता वाले आपराधिक मामलों तथा ‘पोंजी स्कीम’ से संबंधित विषयों की सुनवाई के लिए दो खंडपीठ और एक एकल पीठ का गठन किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | September 21, 2020 2:54 PM

कोलकाता : कलकत्ता हाइकोर्ट में सांसदों, विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए अलग से बेंच का गठन किया गया है. हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने मौजूदा एवं पूर्व सांसदों और विधायकों की संलिप्तता वाले आपराधिक मामलों तथा ‘पोंजी स्कीम’ से संबंधित विषयों की सुनवाई के लिए दो खंडपीठ और एक एकल पीठ का गठन किया है.

हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गयी है. इस तरह के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के मकसद से मुख्य न्यायाधीश बीएन राधाकृष्णन ने इन पीठों का गठन किया.

रजिस्ट्रार जनरल राय चट्टोपाध्याय ने अधिसूचना में कहा है कि न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति एस घोष की खंडपीठ के अलावा न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी की एकल पीठ सोमवार से उन आपराधिक मामलों की सुनवाई करेंगी, जो विधायकों और सांसदों से संबंधित हैं.

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उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति जॉय सेनगुप्ता की खंडपीठ 25 सितंबर से पोंजी स्कीम से संबंधित मामलों की सुनवाई करेगी. उल्लेखनीय है कि काफी संख्या में सांसदों और विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई लंबे समय तक लंबित रहती हैं.

जब तक मामले में फैसला नहीं आ जाता, तब तक लोग चुनाव लड़ते रहते हैं. बड़ी संख्या में ऐसे लोग संसद और विधानसभा में पहुंचते हैं, जिन पर आपराधिक मामले चल रहे होते हैं. कानूनन उन्हें तब तक चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता, जब तक उन पर अपराध साबित न हो जाये और उनके सजा पर फैसला न हो जाये.

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इसलिए सरकार ने फैसला किया था कि सांसदों और विधायकों के मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए अलग से बेंच का गठन किया जायेगा. सरकार के उसी फैसले के अनुरूप पश्चिम बंगाल में तीन बेंच का गठन किया गया है, जो सिर्फ सांसदों और विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की ही सुनवाई करेगी.

Posted By : Mithilesh Jha

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