Coronavirus Pandemic : बंगाल में केंद्र की टीम को लेकर भड़की ममता, पीएम मोदी को लिखा पत्र

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर केंद्रीय टीमों के राज्य में पहुंचने पर आपत्ति जतायी.

By Panchayatnama | April 20, 2020 7:50 PM

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र लिखकर केंद्रीय टीमों के राज्य में पहुंचने पर आपत्ति जतायी. सुश्री बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा है कि गृह मंत्री ने उनसे (मुख्यमंत्री से) दोपहर एक बजे फोन पर इंटर मिनिस्टेरियल सेंट्रल टीम (IMCT) के राज्य में आने की बात कही. लेकिन, टीम पहले ही एयर इंडिया के स्पेशल कारगो फ्लाइट से सुबह 10.10 बजे पहुंच गयी थी. यानी टेलीफोन पर बातचीत के काफी पहले.

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गृह मंत्रालय का बंगाल के मुख्य सचिव को इस संबंध में जो पत्र भेजा गया वह टीम के पहुंचने के महज 30 मिनट पहले पहुंचा. केंद्र की सक्रियता स्वागतयोग्य है, लेकिन यह पूर्व जानकारी के बगैर हुआ और स्थापित मानकों के खिलाफ है. राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय टीमों को लॉजिस्टक प्रबंध मुहैया करना है, लेकिन केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार को अंधेरे में रखा और वह बीएसएफ, एसएसबी के पास लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के लिए पहुंच गयी. वह राज्य सरकार से सलाह किये बगैर फील्ड में निकल गयी.

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राज्य सरकार के अधिकारियों से कोई ब्रीफिंग फील्ड में निकलने से पहले नहीं ली गयी. ऐसा कहा गया है कि संबंधित जिलों में लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया गया. ऐसे बयान तथ्य रहित हैं और दावों की पुष्टि नहीं करते. उदाहरण के तौर पर चिह्नित किये गये जिले कलिंग्पोंग में आखिरी संक्रमण गत दो अप्रैल को देखा गया. एक अन्य जिले जलपाइगुड़ी में आखिरी संक्रमण 04 अप्रैल को था और दार्जिलिंग में 16 अप्रैल को देखा गया. यह दर्शाता है कि जिलों का चुनाव और की गयी टिप्पणी कल्पना की उपज है और दुर्भाग्यपूर्ण भी.

लॉकडाउन को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार सक्रिय है. वह यह भी बताना चाहती हैं कि पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार की घोषणा से पहले ही लॉकडाउन घोषित कर दिया था जो कि 14 अप्रैल से शुरू हुआ. पश्चिम बंगाल सरकार ने लॉकडाउन को पहले ही 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया था. मुख्यमंत्री ने लिखा है कि प्रधानमंत्री उनसे सहमत होंगे कि केंद्र सरकार का यह एकतरफा कदम अपेक्षित नहीं है, विशेषकर उस वक्त जब केंद्र व राज्य सरकारें एक साथ कोविड-19 संकट का मुकाबला कर रही हैं.

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आपको बता दें कि सोमवार को केंद्र सरकार ने कोविड-19 (Covid-19) संबंधी हालातों का जायजा लेने के लिए छह इंटर मिनिस्ट्रियल सेंट्रल टीम का गठन किया है. केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के इंदौर, महाराष्ट्र के मुंबई एवं पुणे, राजस्थान के जयपुर और पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हावड़ा, पूर्वी में मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना, दार्जीलिंग, कलिम्पोंग और जलपाईगुड़ी के हालत पर निगरानी रखने के लिए टीम का गठन किया है.

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल के कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम के बंगाल दौरे को लेकर केंद्र व राज्य सरकार में टकवार बढ़ गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना के बाद भाजपा महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर पटल वार करते हुए कहा कि ममता जी का अहंकार बंगाल को ले डूबेगा.

श्री विजयवर्गीय ने बंगाल में कोरोना के संक्रमण के बढ़ते मामले पर कहा कि यह संख्या और बढ़ेगी. सरकार बहुत ही लापरवाही से काम कर रही है. भारत सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है. जहां-जहां स्थितियां बिगड़ रही है, वहां भारत सरकार टीम भेज रही है. इंदौर में भी भारत सरकार की टीम आज है. भारत सरकार की टीम सहयोग करने आ रही है.

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ममता जी के इस बयान ने उनके अव्यवस्था को ढ़ाकने के लिए इस तरह का बयान दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम आयेगी, तो सरकार की लापरवाही ध्यान में आयेगी. इसलिए अपना पाप छुपाने के लिए वह केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल का विरोध कर रही है. यह बिल्कुल ही बंगाल के हित में नहीं है. केंद्रीय टीम आनी चाहिए. केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम के बारे में मुख्यमंत्री के उठाये सवाल को श्री विजयवर्गीय ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.

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