ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

विवादास्पद रूप से नियोजित लोगों के वेतन में कटौती या वापसी का निर्णय लेने में कुछ भी गलत नहीं है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को एसएससी भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2022 3:35 PM

कोलकाता: स्कूल सेवा आयोग (School Service Commission – SSC) के माध्यम से ग्रुप डी, ग्रुप सी श्रेणी में गैर-शिक्षक पद और कक्षा 9 एवं 10 के शिक्षकों की नियुक्तियों में व्यापक स्तर पर धांधली हुई है. हाईकोर्ट (Calcutta High Court) की एकल पीठ ने इन नियुक्तियों में हुई धांधली की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी. अब डिवीजन बेंच ने भी एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए नियुक्ति में हुई धांधली की जांच सीबीआई (Central bureau of Investigation) के माध्यम से ही कराने का निर्देश दिया.

बाग कमेटी की रिपोर्ट को हाईकोर्ट की मंजूरी

खंडपीठ ने बाग कमेटी की रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी. खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया. कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति आनंद कुमार मुखर्जी की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया. विवादास्पद रूप से नियोजित लोगों के वेतन में कटौती या वापसी का निर्णय लेने में कुछ भी गलत नहीं है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को एसएससी भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई के सामने पेश होने को कहा है.

पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाने का कोर्ट ने किया आग्रह

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि अगर वह शाम छह बजे तक पूछताछ के लिए हाजिर नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही न्यायाधीश ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्यपाल जगदीप धनखड़‍ से पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यह कोई निर्देश नहीं है, लेकिन मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी व स्वतंत्र जांच के लिए ऐसा करने से सही होगा.

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7 मामलों की जांच करेगी सीबीआई

न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने एसएससी के ग्रुप-डी, ग्रुप-सी और कक्षा IX-X के शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार के कुल 7 मामलों की सीबीआई जांच का निर्देश दिया. हालांकि, बाद में डिवीजन बेंच में मामलों को स्थगित कर दिया गया था. बाद में खंडपीठ ने पूर्व न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में एक समिति गठित की. यह कमेटी भर्ती मामलों की जांच कर रही है.


381 लोगों की हुई गलत तरीके से नियुक्ति

बाग समिति स्कूल में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी स्टाफ की भर्ती पर डिवीजन बेंच को रिपोर्ट करती है. बाग कमेटी के वकील अरुणाभ बंद्योपाध्याय ने अदालत को बताया कि ग्रुप-सी के पदों पर 381 लोगों को गलत तरीके से नियुक्त किया गया था. इनमें से 222 ने परीक्षा नहीं दी. बाकी पास नहीं हुआ. बाग कमेटी ने खंडपीठ को यह भी बताया कि ग्रुप-डी के पदों पर 624 लोगों को अवैध रूप से नियुक्त किया गया है. इसी प्रकार, कक्षा 9 व 10 के लिए शिक्षकों की नियुक्ति में काफी धांधली हुई है. जिन अभ्यर्थियों का नाम तालिका में सबसे नीचे था, उनको नौकरी दी गयी, जबकि अच्छे रैंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए भी नहीं बुलाया गया.

रिपोर्ट- अमर शक्ति प्रसाद

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