Makar Sankranti 2022: कोरोना महामारी से बाजार में छाई मंदी, मोटू-पतलू, मोदी की पतंग भी नहीं खरीद रहे लोग

Makar Sankranti 2022: ताजनगरी आगरा में कोरोना महामारी के चलते थोक बाजार में मंदी छाई हुई है. लोग मोटू-पतलू और मोदी की पतंग भी नहीं खरीद रहे हैं.

By Prabhat Khabar | January 14, 2022 11:13 AM

Makar Sankranti 2022: आज पूरे देश में मकर संक्रांति मनाई जा रही है. ताजनगरी आगरा में बाजार में कई तरह की पतंगें आई हैं. हालांकि पतंग व्यवसायियों का कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सिर्फ 20 से 25% बिक्री हो रही है. कोरोना की वजह से लोग पतंग खरीदने में संकोच कर रहे हैं.

हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. आगरा में कुछ दिन पहले से ही लोग पतंग उड़ाना शुरू कर देते हैं. मकर संक्रांति के दिन कई जगह पतंग उत्सव मनाया जाता है, लेकिन पिछले दो साल से देश में आई कोरोना महामारी की वजह से पतंग व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है.

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बाजार में लोग पतंग तो खरीदने आ रहे हैं, लेकिन जिस तरह से थोक के व्यापारियों ने माल जमा कर रखा है, उस तरह से ग्राहक उन्हें खरीद कर ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं. व्यापारियों को इस बार पतंग व्यवसाय में मंदी का डर सता रहा है.

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पतंग का थोक व्यापार करने वाले व्यापारी ने बताया कि पतंग व्यवसाय कोरोना महामारी की मार झेल रहा है. पिछले साल व्यवसाय में अच्छी बढ़ोतरी आई थी, लेकिन इस बार फिर से मंदी झेलनी पड़ रही है. उन्हें उम्मीद थी कि इस बार कोरोना का कहर नहीं होगा, जिसकी वजह से लोग बढ़-चढ़कर पतंग खरीदेंगे, लेकिन महामारी के चलते फिर से बाजार में मंदी छाई हुई है.

व्यापारियों ने अत्यधिक माल जमा कर लिया था, लेकिन बाजार में रिटेल वाले व्यापारी कम संख्या में पतंग ले जा रहे हैं. इस बार का बाजार सिर्फ 20 से 25% ही रह गया है. व्यापारियों का कहना है कि इस बार हमने अत्यधिक बिक्री होने का अंदाजा लगाया था. इसीलिए हमने कई तरह की पतंगें अपने गोदाम में जमा कर ली थी.

पतंग व्यवसायी अकरम मलिक का कहना है कि उन्होंने कई तरह की पतंग बनाई हैं, जिसमें बच्चों के लिए खास छोटा भीम और मोटू पतलू की पतंग है. वहीं देशभक्ति से ओतप्रोत भी कई पतंग हैं, जिन पर भारत का झंडा अंकित है. वहीं, दूसरी तरफ राजनीतिक लोगों के लिए भी बाजार में मोदी पतंग रखी है, लेकिन ग्राहक कम आने की वजह से पतंगों की बिक्री पर असर दिखाई दे रहा है.

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अकरम मलिक का कहना है कि मकर संक्रांति और बसंत पंचमी की वजह से अधिकतर पीले कलर की पतंग ज्यादा मात्रा में बिकती हैं, लेकिन इस बार उन पतंगों को भी ग्राहक कम खरीद रहे हैं. कहीं ना कहीं लोगों के पास महामारी के चलते पैसा नहीं है. दुकानदार डर रहे हैं कि अगर लॉकडाउन लग गया तो वह अपना माल नहीं खपा पाएंगे और उन्हें घाटा होगा.

क्यों खास है मकर संक्रांति

मकर संक्रांति साल का पहला त्योहार है. इस दिन लोग स्नान करने के बाद भगवान सूर्य की उपासना करते हैं. अधिकांश लोग गंगा स्नान के बाद दान पुण्य का काम भी करते हैं. मकर संक्रांति के ही दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. इस दिन को देवताओं का दिन भी कहा जाता है. इसी दिन विवाह और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों के लिए मुहुर्त देखे जाने लगते हैं.

रिपोर्ट- राघवेंद्र सिंह गहलोत, आगरा

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