धनबाद के 11 अंचलों में म्युटेशन की रफ्तार धीमी, 38555 आवेदनों में 14466 का दाखिला हुआ खारिज

धनबाद जिले के 11 अंचलों में जमीन का म्युटेशन नहीं हो पा रहा है. जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. पूरे देश में सेवा के अधिकार कानून लागू होने के बाद भी अधिकारी कोई न कोई कारण लगा के आम जनता को परेशान कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 12, 2023 2:11 PM

धनबाद, रंजीत सिंह : धनबाद जिले के 11 अंचलों में म्युटेशन के लिए चक्कर लगाते लगाते आम जनता का चप्पल घिस जा रहा है लेकिन म्युटेशन नहीं हो पा रहा है. जबकि पूरे देश में सेवा के अधिकार कानून लागू होने के बाद भी अधिकारी कोई न कोई कारण लगा के आम जनता को परेशान कर रहे हैं. सभी अंचलों में दलाल इस मामले में इतने सक्रिय हैं कि बिना इनसे मिले कार्य नहीं हो सकता है. अंचलों में दलालों की टोली अंचल कार्यालय में मंडराते रहते हैं और ये दलाल हल्का कर्मचारियों के साथ फूल संपर्क में रहते हैं. इन दलालों को आवेदक का संपर्क न मुहैया करा दी जाती है और दलाल मामले में इन आवेदकों से संपर्क स्थापित कर इनसे सौदा कर कार्य करने का ठेका ले लेते हैं. ये दलाल अधिकारियों के संपर्क में है कि नहीं ये तो लाभुको को पता नहीं लेकिन संपर्क करने वाले आवेदक का कार्य बड़े आसान से हो जाता है.

अलग-अलग अंचल का अलग-अलग रेट तय

जिले के अलग-अलग अंचलों का अलग रेट तय कर दिया गया है. कहीं एक हजार रुपये डिसमिल तो कही 12 सो तो कही 15 सो का रेट तय है लेकिन गोबिंदपुर अंचल पूरे जिले में अलग है यहाँ पर पाटी देख कर रेट तय की जाती है.

अधिकांश रिजेक्ट अंचल अधिकारी के लोगिन से

मामले की समीक्षा करने पर ये स्पष्ट हो रहा है कि सभी अंचलों के अंचल अधिकारियों के लोगिन से ज्यादा मामले रिजेक्ट किए गए हैं. अगर कोई त्रुटि रहती तो इसके पहले हल्का कर्मचारी स्तर पर इसकी जांच कर अंचल निरीक्षक के लोगिन में कर्मचारी बढ़ाने का कार्य करते हैं. वहीं, अंचल निरीक्षक भी अपने स्तर से सभी आवेदनों की जांच कर अंचल अधिकारी के लोगिन में भेजते हैं, तब तक लाभुको को लगता है कि म्युटेशन के मामले में जंग जीत चुके हैं लेकिन कुछ दिनों में लगता है कि मामले में कहा चूक हुई है.

महीनों पड़े रहते हैं ऑनलाइन आवेदन

जिस रैयत का म्युटेशन हो गया है. मेनुवल लगान रसीद कटती थी .वैसे रैयत अब ऑन लाइन लगान रसीद के लिए आवेदन पर आवेदन दे रहे हैं लेकिन कार्य नही हो पा रहा है, कभी नए सर्वे में खाता , प्लॉट, बदलने की बात होती है तो कभी जिला से इन प्लॉट का इन्फॉर्मेशन की मांग की जाती है , सब कुछ ठीक ठाक रहने के बाबजूद भी कोई न कोई कारण बता कर रिजेक्ट कर दी जाती है.

  • बाघमारा – 720 पेंडिंग, 1606 स्वीकृति, 2427 रिजेक्ट

  • गोबिंदपुर – 1960 पेंडिंग, 5209 स्वीकृति, 6000 रिजेक्ट

  • टुंडी – 200 पेंडिंग, स्वीकृति 560, रिजेक्ट 320

  • पूर्वी टुंडी – 120 पेंडिंग, 415 स्वीकृति, रिजेक्ट 247

  • निरसा – 280 पेंडिंग, स्वीकृति 920, रिजेक्ट 1280

  • धनबाद -1360 पेंडिंग, स्वीकृति 2080, रिजेक्ट 3440

  • तोपचांची – पेंडिंग 320, स्वीकृति 1200, रिजेक्ट 1480

  • बलियापुर – 280 पेंडिंग, स्वीकृति 790, रिजेक्ट 1080

  • पुटकी – 11 पेंडिंग, स्वीकृति 42, रिजेक्ट 59

  • कलियासोल – 711 पेंडिंग, स्वीकृति 1282, रिजेक्ट 631

  • एगारकुण्ड – 264 पेंडिंग, स्वीकृति 362, रिजेक्ट 879

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