Jharkhand News : ‘स्वर्णरेखा’ से बदलेगा घरों का जायका, आदिवासी महिलाओं को मसाले से मिलेगा रोजगार, पढ़िए NABARD की क्या है तैयारी

Jharkhand News, Saraikela Kharsawan News, सरायकेला न्यूज (शाचिन्द्र दाश/प्रताप मिश्रा) : घरों का जायका बदलेगा 'स्वर्णरेखा'. जी हां ईचागढ़ की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा 'स्वर्णरेखा' के नाम से तैयार किये गये मसालों से न सिर्फ घरों का जायका बदलेगा, बल्कि मसाला बनाने के कार्य में जुड़ी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. ईचागढ़ प्रखंड में महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मसालों की खेती कर उसका प्रसंस्करण करते हुए ब्रांडिंग व मार्केटिंग किया जाएगा. इसके लिए नाबार्ड सहयोग करेगा. महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्वर्णरेखा नाम से मसाला तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2021 2:18 PM

Jharkhand News, Saraikela Kharsawan News, सरायकेला न्यूज (शाचिन्द्र दाश/प्रताप मिश्रा) : घरों का जायका बदलेगा ‘स्वर्णरेखा’. जी हां ईचागढ़ की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ‘स्वर्णरेखा’ के नाम से तैयार किये गये मसालों से न सिर्फ घरों का जायका बदलेगा, बल्कि मसाला बनाने के कार्य में जुड़ी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. ईचागढ़ प्रखंड में महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मसालों की खेती कर उसका प्रसंस्करण करते हुए ब्रांडिंग व मार्केटिंग किया जाएगा. इसके लिए नाबार्ड सहयोग करेगा. महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्वर्णरेखा नाम से मसाला तैयार कर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा.

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एके पाढी ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है. महिलाओं द्वारा उत्पादित मसाला को स्वर्णरेखा नाम से ब्रांडिंग किया जाएगा. नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एके पाढी ने ईचागढ़ प्रखंड में वित्त प्रदत ‘बाड़ी’ व ‘एलइडीपी’ नामक दो परियोजनाओं का शुभारंभ किया. बाड़ी योजना के तहत आदिवासी परिवारों की आर्थिक उन्नति की जाएगी. इसके तहत फलदार पौधों की बागवानी से बीच में बची जमीन पर सब्जी, मसाले की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. बाड़ी योजना के तहत प्रति परिवार एक एकड़ की दर से 450 आदिवासी परिवारों की जमीन पर फलदार पौधे की बागवानी की जाएगी. फलदार पौधों के बीच की जमीन में सब्जी, मसाले की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे इन परिवारों की आय बढ़ेगी. साथ ही 50 भूमिहीन आदिवासी परिवारों को सूक्ष्म एवं लघु रोजगार सृजन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी.

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एलइडीपी के तहत चिह्नित स्वयं सहायता समूहों की 90 महिलाओं को मिर्च, हल्दी, धनिया, जीरा, सरसों की खेती के साथ ब्रांडिंग व मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद सामूहिक उत्पादन केंद्र की स्थापना में आर्थिक सहायता की जाएगी. समूह की महिलाओं को बैंकों से प्राथमिकता के आधार पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि महिलाएं इन योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें. कार्यक्रम में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सिद्धार्थ शंकर ने दोनों परियोजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने की बातें कहीं. कार्यक्रम में उपमहाप्रबंधक जय निगम, एलडीएम वीरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक झारखंड ग्रामीण बैंक आरके सिन्हा, प्रबंधक नाबार्ड प्रसून्न चंद्रा, तापस पाइक सहित स्वयंसेवी संस्था टीआरसीएससी के सदस्य उपस्थित थे.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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