विश्वनाथ धाम के रंग में रंगी काशी तो विपक्ष का क्यों उड़ा रंग, जया बच्चन-फारूक अब्दुल्ला ने BJP पर उठाए सवाल

वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण कर दिया. इस बीच विपक्ष ने अपने-अपने अंदाज में बीजेपी पर निशाना साधा है. सपा सांसद जया बच्चन ने कॉरिडोर निर्माण के लिए काशी से हटाई गई दुकानों के मुआवजे की बात कही, तो वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारुख़ अब्दुल्ल ने...

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2021 2:35 PM

Kashi Vishwanath Corridor: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज काशी विश्वनाश कॉरिडोर लोकार्पण का लोकार्पण कर दिया है. ऐसे में पूरा यूपी शिव के रंग में रंगा हुआ है. वहीं दूसरी ओर विपक्षा का रंग उतरा हुआ है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, तो सपा नेता जया बच्चन ने कॉरिडोर निर्माण के लिए काशी से हटाई गई दुकानों के मुआवजे की बात कही, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारुख़ अब्दुल्ल ने पीएम मोदी को दूसरे धर्मों को तवज्जो देने की नसीहत दी.

पीएम हर धर्म को दें तवज्जो- फारुख अब्दुल्ला

काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारुख़ अब्दुल्ल ने कहा, वो (पीएम मोदी) धर्म की सेवा कर रहे हैं, ये अच्छी बात है लेकिन उन्हें दूसरे धर्मों को भी तवज्जो देना चाहिए, क्योंकि वो सिर्फ एक धर्म के प्रधानमंत्री नहीं है पूरे देश के है और भारत में बहुत सारे धर्म है.

सपा को छोटे दुकानदारों की चिंता

सपा सांसद जया बच्चन ने ट्वीट कर कहा कि, जैसे-जैसे यूपी का चुनाव आ रहा है वो लाल टोपी से इतने खबराएं हुए हैं कि फीते पर फीते काट रहें और शिलान्यास कर रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर को अच्छी तरह बनने के लिए वहां पर जिनकी छोटी-छोटी दुकानें थी उनको आपने तो वहां से हटा दिया. क्या आपने उन्हें मुआवज़ा दिया?

प्रियंका गांधी का योगी सरकार पर हमला

प्रियंका गांधी ने 6 दिसंबर की घटना पर उस वक्त ट्वीट किया, जब वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के साथ सनातन संस्कृति का एक नया अध्याय लिखा जा रहा था. प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, योगी जी आपकी सरकार के प्रशासन ने बांदा में सैकड़ों जिंदा गायों को दफना दिया. आपकी सरकार में गौशालाओं में गौ माता क्रूरता और अमानवीयता का शिकार हैं. उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी जी आज आप उप्र में हैं. क्या आप गौशालाओं की दुर्दशा पर उप्र सरकार से जवाबदेही मांगेंगे?

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