Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका, हिंदू पक्ष ने कहा सील एरिया में सफाई हो

वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की सील बंद रिपोर्ट को खोलने के मामले में 3 जनवरी को सुनवाई होनी है. एएसआई ने 18 दिसंबर को जिला अदालत में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट पेश की थी. सर्वेक्षण 21 जुलाई के जिला अदालत के आदेश के बाद किया गया था.

By Amit Yadav | January 2, 2024 7:15 PM

लखनऊ: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट (SC) में मंगलवार को हिंदू पक्ष ने सील एरिया की सफाई की मांग की याचिका दाखिल की है. इस एरिया में मछलियों के मरने का हवाला दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिवलिंग वाले क्षेत्र को सील किया गया था. यहां कथित शिवलिंग वाले क्षेत्र में पानी भरा हुआ है. जिसमें मछलियां भी हैं. बताया जा रहा है कि इन मछलियों के मरने से वहां बदबू फैल रही है. इसलिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके जिलाधिकारी वाराणसी को सफाई के लिये निर्देशित करने की मांग की गई है.

गौरतलब है कि वाराणसी की जिला अदालत में ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण की सील बंद रिपोर्ट को खोलने के मामले में 3 जनवरी को सुनवाई होनी है. एएसआई ने 18 दिसंबर को जिला अदालत में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट पेश की थी. सर्वेक्षण 21 जुलाई के जिला अदालत के आदेश के बाद किया गया था. कोर्ट ने सीलबंद रिपोर्ट को खोलने और उसकी प्रतियां दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के लिये 21 दिसंबर तिथि तय की थी. मुस्लिम पक्ष ने उस दिन कोर्ट से सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की अपील की थी.

Also Read: Ram Mandir: श्री राम मंदिर में होंगे 24 पुजारी, दो एससी व एक ओबीसी का भी चयन, प्रशिक्षण जारी
कोर्ट के आदेश पर एएसआई ने किया था सर्वे

माना जा रहा है कि 17वीं शताब्दी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण वहां पहले से मौजूद मंदिर को तोड़कर किया गया था. याचिका दाखिल की गई थी कि यह पता लगाया जाए कि मस्जिद का निर्माण मंदिर की संरचना के ऊपर तो नहीं किया गया है. ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंध समिति ‘अंजुमन इंतजामिया मसाजिद’ ने जिला अदालत के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. दोनों अदालतों ने अपील को खारिज कर दिया जिससे सर्वेक्षण का कार्य चार अगस्त से शुरू होने का रास्ता साफ हो गया था. अदालत ने एएसआई से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि विवादित जमीन पर खड़े ढांचे को कोई नुकसान न हो

Also Read: यूपी में लगेंगे 50 नये लाइटनिंग डिटेक्शन सेंसर्स नेटवर्क, आसमानी बिजली से होने वाली जनहानि को रोकने की कवायद

Next Article

Exit mobile version