Gorakhpur News: चालक समेत कार को नगर निगम कर्मचारी ने क्रेन से उठाया, वीडियो वायरल, डीएम तक पहुंचा मामला

क्रेन सर्विस के संचालक प्रशांत सिंह का कहना है कि जिस समय कार को क्रेन से उठाया गया था, उस समय कार में कोई नहीं बैठा था. उस कार की पहले फोटो खींची गई थी. कार उठने के बाद प्रवक्ता वहां आए तो उनको पुलिस लाइन के यार्ड में आने को कहा गया. वो नहीं माने और जबरदस्ती कार में बैठ गए.

By Prabhat Khabar | April 23, 2022 9:10 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर में नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी दस्ता की एक अजीबोगरीब कार्यप्रणाली का वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जहां सड़क के किनारे एक कार में बैठे एक प्रवक्ता को टीम ने क्रेन से कार समेत उठा लिया और उसे टोचन करके पुलिस लाइन यार्ड में ले गए. वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला गोरखपुर के जिलाधिकारी तक पहुंच गया है. वहीं, क्रेन सर्विस के संचालक का यह कहना है कि सड़क पर कार खड़ी थी. क्रेन से कार उठाने के बाद प्रवक्ता आए और जबरदस्ती कार में बैठ गए, जिसका फोटो और वीडियो भी बना है.

बता दें, गोलघर में सड़क के किनारे अपनी कार में बैठे प्रवक्ता को कार समेत क्रेन से नगर निगम के कर्मचारी उठा ले गए. मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई, लेकिन इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद यह मुद्दा चर्चा में आ गया है. गोलघर से नगर निगम के कर्मचारियों ने क्रेन से कार को उठाकर पुलिस लाइन पहुंचाया. कार में प्रवक्ता बैठे हुए थे., ,यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है.

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प्रवक्ता के अनुसार, वह गोलघर में नाश्ता करने आए थे. प्रवक्ता ने डीएम से व्हाट्सएप और जनसुनवाई पोर्टल के जरिए शिकायत की है कि वह कार में बैठे हुए थे और क्रेन चालक जबरदस्ती उन्हें कार समेत उठा ले गया. वहीं, क्रेन सर्विस के संचालक का कहना है कि गोलघर की सड़क पर कार खड़ी थी और उन लोगों ने कार को क्रेन से जब उठाया तब प्रवक्ता आए और कार में जबरदस्ती बैठ गए.

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बता दें, सुधांशु शेखर राय जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज बांसगांव में B.Ed विभागाध्यक्ष हैं. वह बांसगांव के निवासी भी हैं. उनका कहना है कि वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में किसी कार्य से आए थे और वह गोलघर में नाश्ता करने गए थे. उनका यह आरोप है कि नगर निगम के क्रेन सर्विस के कर्मचारियों ने उनकी कार उठा ली. वह कार में बैठे हुए थे. वो लोग कार को पुलिस लाइन के यार्ड में ले गए.

वहीं, क्रेन सर्विस के संचालक प्रशांत सिंह का कहना है कि जिस समय कार को क्रेन से उठाया गया था, उस समय कार में कोई नहीं बैठा था. उस कार की पहले फोटो खींची गई थी. कार उठने के बाद प्रवक्ता वहां आए तो उनको पुलिस लाइन के यार्ड में आने को कहा गया. वो नहीं माने और जबरदस्ती कार में बैठ गए.

रिपोर्ट- कुमार प्रदीप

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