Diwali Lakshmi aarti: लक्ष्मी आरती में नहीं बजाये जाते हैं शंख और घंटी, यहां पढ़ें मां लक्ष्मी की संपूर्ण आरती

Diwali Lakshmi aarti: दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है लक्ष्मी आरती. इसे करते समय घर में शंख और घंटी नहीं बजाए जाते. आरती में मां लक्ष्मी की महिमा, संपत्ति और सुख-समृद्धि के लिए मंत्रोच्चारण होता है. यहां पढ़ें उनकी संपूर्ण आरती और मंत्रों का सही पाठ.

By Anita Tanvi | October 11, 2025 12:29 PM

Diwali Lakshmi aarti: दीपावली के दिन संध्या काल से ही मां लक्ष्मी की पूजा शुरू हो जाती है. सच्चे मन और पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने, देवी लक्ष्मी को भोग लगाने के बाद आरती जरूर करें. वैसे तो किसी भी पूजा में आरती के समय शंख और घंटी बजाई जाती है लेकिन देवी लक्ष्मी की आरती में शंख और घंटी नहीं बजाई जाती है. शंख बजाने के बजाए लक्ष्मी पूजा के दौरान शंख में जल भरकर पूजा के बाद पूरे घर में इस जल का छिड़काव किया जाता है. इस दिन हाथी पर सवार मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है.

आरती करने से पहले ये मंत्र बोलें –

या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:

पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:।

श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा

तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्॥

अर्थ – जो पुण्यात्माओं के घरों में स्वयं ही लक्ष्मीरूप से, पापियों के यहाँ दरिद्रतारूप से, शुद्ध अन्त:करणवाले पुरुषों के हृदय में बुद्धिरूप से, सत्पुरुषों में श्रद्धारूप से तथा कुलीन मनुष्य में लज्जारूप से निवास करती हैं, उन महालक्ष्मी को हम नमस्कार करते हैं. देवि! आप सम्पूर्ण विश्व का पालन कीजिये.

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लक्ष्मी जी की आरती –

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत,

मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता।