Darbhanga Saharsa Train: ऐतिहासिक पल के साक्षी बने यात्री, बोले- कोसी में हुआ नया सवेरा, सपना हुआ साकार
Darbhanga Saharsa Train: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नये रेल खंड पर ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाते ही 88 साल बाद रेल सफर शुरू हो गया. इस ऐतिहासिक पल के साक्षी कई यात्री बने.
Darbhanga Saharsa Train: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये झंझारपुर-निर्मली रेलखंड और निर्मली-आसनपुर कुपहा नयी रेल लाईन का उद्घाटन और नये रेल खंड पर ट्रेन सेवाओं का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया. इस दौरान कई रेल यात्री ऐतिहासिक पल के साक्षी बने. मालूम हो कि साल 1934 में आये भूकंप में रेल पुल बह जाने के बाद से रेल मार्ग बाधित हो गया था.
Also Read: Historical moment: रेल सफर शुरू होते ही 88 साल बाद एक हुई मिथिला, समृद्धि और आर्थिक विकास का खुला द्वार लंबे समय से था इस ऐतिहासिक पल का इंतजारदरभंगा निवासी रेलयात्री बिंदेश्वरी यादव ने कहा कि इस ऐतिहासिक पल का लंबे समय से इंतजार था. इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं कि फिर से मिथिलांचल का कोसी और कमला क्षेत्र एक हो गया. इससे व्यापारिक संबंध के साथ-साथ रोजगार के काफी अवसर अब बढ़ जायेंगे. पहले जो भी स्टेशन के आसपास दुकानें थीं, बंद हो चुकी थीं. अब फिर से रोजगार का अवसर मिलेगा. रेलयात्री जयनारायण पासवान ने कहा कि पहले निर्मली और झंझारपुर जाना होता था, तो समस्तीपुर दरभंगा होकर जाना पड़ता था. अब सहरसा से दरभंगा के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से अब जाना आसान होगा. कम किराये में निर्मली तक पहुंच सकेंगे.
Also Read: New rail line: मिथिलांचल के कोसी और कमला क्षेत्र में बढ़ेगा मछली और मखाना का व्यापार, सृजित होंगे रोजगार रेल नेटवर्किंग सेवा शुरू होने से दिख रहा एक नया सवेरासुपौल निवासी रेलयात्री प्रीतम जायसवाल ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत अच्छा काम किया है. रेल नेटवर्किंग सेवा शुरू होने से एक नया सवेरा दिख रहा है. अब सुपौल से दरभंगा जाना आसान हो गया. पहले खगड़िया समस्तीपुर होकर जाना पड़ता था. अब कम समय में कम किराये पर आसानी से पहुंच सकेंगे. अब रोजगार के भी साधन बढ़ेंगे. सहरसा निवासी रेल यात्री नीरज यादव ने कहा कि आज काफी खुशी का दिन है. कोसी से मिथिलांचल के बीच रेल सेवा शुरू होने से एक बार फिर से रोजगार और विकास का नया रास्ता खुला है. इस वैकल्पिक मार्ग से रोजगार के साधन बढ़ेंगे. कोसी और मिथिलांचल के बीच अब कोई अंतर नहीं रह जायेगा.