जमालपुर में उफनती दामोदर नदी में बिना किसी सुरक्षा के हर रोज आवागमन करते है हजारों लोग

दामोदर नदी में बढ़े जलस्तर और झारखंड में हो रही लगातार बारिश के कारण पंचेत और मैथन डैम से छोड़े गए अतिरिक्त जल के कारण ही दामोदर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. जान हथेली पर रख कर ये ग्रामीण नौका द्वारा आर-पार कर रहे है.

By Shinki Singh | October 4, 2023 1:02 PM

बर्दवान, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के जमालपुर थाना इलाके के अमरपुर स्थित दामोदर नदी जो इन दिनों अपनी उफान पर है. ऐसे में इस नदी से नौका द्वारा बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के ही बच्चे ,बूढ़े, महिलाएं और पुरुष अपने वाहनों के साथ इस पार से उस पार आवागमन कर रहे है. ना इनके पास कोई लाइफ जैकेट ही है न ही कोई सुरक्षा का इंतजाम ही है. जान हथेली पर रख कर ये ग्रामीण नौका द्वारा आर-पार कर रहे है. इस दिशा  में सरकार और जिला प्रशासन भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. स्थानीय ग्रामीण हरे कृष्णा रूईदास , श्यामल बागदी, मनोरंजन दास का आरोप है कि मजबूरन हम लोगों को इस उफनती नदी से इस पार से उस पार आना जाना पड़ पड़ता है.

लोगों की बढ़ी परेशानी

सेतु की उपयुक्त व्यवस्था नहीं होने के कारण ही दर्जनों गांव के लोग प्रतिदिन इस पार से उसे पार नौका के मार्फत आना-जाना करते हैं . इसलिए क्षेत्र के लोगों को दो से तीन किलोमीटर लंबी दूरी तय कर घूमकर कंदरिया या पुरशूरा पुल का उपयोग अवागमन के लिए करना पड़ता है. जो अमरपुर और आसपास के गांवों से लगभग 25 किमी दूर है. नतीजतन 15 से 20 मिनट के रास्ते में जाने के लिए स्थानीय लोगों को 2 घंटे लग जाते. संचालित नाव द्वारा आने जाने वाले लोगों में छात्र, सरकारी कर्मचारी, किसान, महिलाएं, खेत मजदूर, श्रमिक, शिक्षक शामिल है.

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दामोदर नदी का जलस्तर बढ़ा

लेकिन इन दिनों दामोदर नदी में बढ़े जलस्तर और झारखंड में हो रही लगातार बारिश के कारण पंचेत और मैथन डैम से छोड़े गए अतिरिक्त जल के कारण ही दामोदर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. ऐसे में इस पुराने लकड़ी के नौका से ही हम लोगों को इस पार से उस पार जाना आना पड़ रहा है. सेफ्टी का कोई इंतजाम जिला प्रशासन अथवा नौका के कर्मचारियों द्वारा नहीं की जाती है . नौका पर लोगों को ले जाने का भी कोई रोक-टोक नहीं है. अतिरिक्त भीड़ नौका पर रहती है. कभी भी बड़ी घटना घट सकती है. लेकिन इन सब के बावजूद जिला प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

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