Coronavirus In Jharkhand : कोरोना के लक्षण दिखने के हफ्तेभर बाद ही करायें HRCT, बार-बार स्कोर की जांच पड़ सकती है भारी, पढ़िए क्या बोलते हैं रेडियोलॉजिस्ट

Coronavirus In Jharkhand, धनबाद न्यूज (संजीव झा) : झारखंड के धनबाद जिले के जांच घरों में कोरोना को लेकर सशंकित लोगों की भीड़ एचआरसीटी एवं सिटी स्कैन कराने के लिए उमड़ रही है. एक-एक डेडिकेटेड लैब में प्रति दिन डेढ़ से दो सौ लोग एचआरसीटी करवा रहे हैं, जबकि बिना अनुमति वाले जांच घरों में भी चोरी-छिपे यह जांच हो रही है. ऐसे में बार-बार स्कोर की जांच कराना भारी पड़ सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2021 12:32 PM

Coronavirus In Jharkhand, धनबाद न्यूज (संजीव झा) : झारखंड के धनबाद जिले के जांच घरों में कोरोना को लेकर सशंकित लोगों की भीड़ एचआरसीटी एवं सिटी स्कैन कराने के लिए उमड़ रही है. एक-एक डेडिकेटेड लैब में प्रति दिन डेढ़ से दो सौ लोग एचआरसीटी करवा रहे हैं, जबकि बिना अनुमति वाले जांच घरों में भी चोरी-छिपे यह जांच हो रही है. ऐसे में बार-बार स्कोर की जांच कराना भारी पड़ सकता है.

उच्च संकल्प गणना टोमोग्राफी (एचआरसीटी) एक रेडियोलॉजिकल जांच है. इसके जरिये लंग्स के अंदर इंफेक्शन का पता लगाया जाता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद लोगों में एचआरसीटी कराने की होड़ मच गयी है. धनबाद के प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट सह रामकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड सनाका कोविड हॉस्पिटल रेडियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ मिहिर झा ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि एचआरसीटी को लेकर लोगों में भ्रम है. बुखार, खांसी होते ही लोग एचआरसीटी कराने पहुंच रहे हैं. एक-दो दिन के बाद एचआरसीटी में लंग्स में इंफेक्शन नहीं पता चलता है. लोग निश्चिंत हो जाते हैं कि उन्हें बीमारी नहीं है, जबकि सामान्यत: कोरोना संक्रमित होने पर लंग्स में इंफेक्शन देर से आती है. इसलिए किसी तरह का लक्षण आने के छह-सात दिन बाद ही एचआरसीटी करायें. वह भी अगर ऑक्सीजन लेवल पांच-छह मिनट चलने पर दस फीसदी से ज्यादा गिर रहा है तब. एचआरसीटी स्कोर के आधार पर खुद से इलाज नहीं करें. किसी डॉक्टर से सलाह ले कर ही उपचार करायें.

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डॉ झा कहते हैं कि कोरोना होने के बाद अगर छह-सात दिन रिपीट टेस्ट में निगेटिव आ जाते हैं तो दुबारा एचआरसीटी नहीं करायें. बहुत सारे लोग एचआरसीटी स्कोर कम हुआ है कि नहीं जानने के लिए बार-बार यह जांच करवा रहे हैं. एक बार एचआरसीटी जांच कराने पर पांच सौ एक्स-रे से जाने वाले रेडियेशन का खतरा होता है. लंग्स में अगर आपको एक बार इंफेक्शन आ जाये. तो इसे पूरी तरह खत्म होने में कम से कम आठ सप्ताह लग जाता है. बार-बार एचआरसीटी से भविष्य में कैंसर हो सकता है. इसलिए आरटी रीसीआर या रैपिड जांच में निगेटिव आने के बाद दूसरे प्रोटोकॉल का पालन कर घर पर ही आराम करें.

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डॉक्टर के अनुसार एचआरसीटी में अगर स्कोर 10 से कम हो तब डॉक्टर की सलाह ले कर घर पर भी उपचार करा सकते हैं. अगर यह स्कोर 10 से 14 के बीच में है तथा बीपी, शुगर सहित अन्य कोई बीमारी है तब अस्पताल जा सकते हैं. अगर स्कोर 15 से अधिक है तब हर हाल में अस्पताल में भर्ती हो जायें. ऐसे मरीजों को आइसीयू या हाइ फ्लो ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ सकती है.

धनबाद के उपायुक्त उमा शंकर सिंह द्वारा धनबाद जिले में एचआरसीटी को लेकर सख्ती बरती गयी है. अब तक पांच जांच घरों को ही सीटी स्कैन एवं एचआरसीटी करने की अनुमति है. इसके बावजूद लोग यह जांच करवा रहे हैं. कई लोग बगल के बोकारो, गिरिडीह, आसनसोल तक जा कर जांच करवा रहे हैं. इसी जांच के आधार पर उपचार करवा रहे हैं.

कोरोना का नया स्ट्रेन काफी खतरनाक है. कई बार आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट में भी यह बीमारी पकड़ में नहीं आ रही है. साथ ही इसकी जांच रिपोर्ट के लिए भी पांच-छह दिन इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में धनबाद के लोग एचआरसीटी ही कराना चाह रहे हैं. बहुत सारे लोग तो दो-तीन बार करवा ले रहे हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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