छत्तीसगढ़ में नक्सल क्षेत्र के बच्चे बन रहे हैं डॉक्टर और इंजीनियर, सीएम भूपेश बघेल हुए गदगद

जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने आगे बताया प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर बधाई दी है.

By Amitabh Kumar | June 20, 2023 8:14 AM

छत्तीसगढ़ में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अंतर्गत संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने ऐसा कमाल किया है जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है. खुद सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. दरअसल, प्रयास के 57 बच्चों ने जेईई एडवांस 2023 में क्वालीफाई किया है. इस बात की जानकारी जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने दी है.

जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जेईई एडवांस 2023 का रिजल्ट आ चुका है. छत्तीसगढ़ में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अंतर्गत संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय के बच्चों ने इसमें शानदार प्रदर्शन किया है. आईआईटी गुवाहाटी द्वारा जेईई एडवांस 2023 के घोषित परिणामों में इस वर्ष जेईई एडवांस परीक्षा में बैठे प्रयास आवासीय विद्यालय के 141 विद्यार्थियों में से 57 ने क्वालीफाई करने का काम किया है. इसमें से 28 विद्यार्थियों का आईआईटी और 29 का एनआईटी में चयन होने की उम्मीद है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ट्वीट

जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने आगे बताया प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह टेकाम ने विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर बधाई दी है. साथ ही, उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है. इस खबर के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि..छू लो आसमान..अपनी कड़ी मेहनत से दंतेवाड़ा के 46 और कांकेर के 77 छात्र – छात्राओं ने NEET रैंकिंग में जगह बनाई है. वहीं दंतेवाड़ा के 19 और कांकेर के 71 छात्र – छात्राओं का JEE के लिए चयन हुआ है. आप सबने दिखा दिया है कि प्रतिभा अपना रास्ता बना ही लेती है…सबको खूब बधाई…सफल हुए प्रदेश के सभी बच्चों के सुनहरे भविष्य की कामना करता हूं..


नक्सल क्षेत्र के भी बच्चे बनेंगे डॉक्टर और इंजीनियर

आपको बता दें कि वर्तमान में प्रदेश की राजधानी रायपुर जिले में बालक और कन्या के लिए अलग-अलग प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है. इसके अतिरिक्त बिलासपुर, सरगुजा, दुर्ग, बस्तर, कांकेर, कोरबा तथा जशपुर जिलों में छात्र-छात्राओं के लिए कुल नौ प्रयास आवासीय विद्यालय में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. बस्तर, कांकेर जैसे क्षेत्र को लोग नक्सल इलाकों के लिए जानते हैं लेकिन इन क्षेत्र के भी बच्चे अब डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं.