जमशेदपुर में गरजा बुलडोजर, 40 से अधिक मकान-दुकान जमींदोज, जानें क्यों?

Bulldozer Runs on Shops and Houses in Jamshedpur: रेलवे टीम ने सायरन बजाकर घर गिराने की प्रक्रिया शुरू की. क्षेत्रवासियों को पहले ही नोटिस थमा दिया गया था, लेकिन पुनर्वास या वैकल्पिक आवास की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. एक स्थानीय महिला, जिनका आशियाना इस कार्रवाई में उजड़ गया, रोते हुए बोलीं – ‘हमने अपनी सारी जमा-पूंजी से यह झोपड़ी बनायी थी, अब बच्चों को लेकर कहां जाएं?’ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि न तो कोई सर्वेक्षण हुआ और न ही कोई पुनर्वास योजना सामने रखी गयी.

By Mithilesh Jha | June 10, 2025 9:30 PM

Bulldozer Runs on Shops and Houses in Jamshedpur: टाटानगर रेलवे स्टेशन और उसके आस-पास के क्षेत्रों और रेलवे के विस्तार की जद में आने वाली जमीनों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. इस क्रम में सुंदरनगर और करनडीह इलाकों में रेलवे के इंजीनियरिंग और लैंड विभाग ने जिला पुलिस और आरपीएफ की मदद से बड़े पैमाने पर कार्रवाई की. सुंदरनगर में 27 और करनडीह में 12 अतिक्रमणकारी ढांचों को ढहा दिया गया. इन ढांचों में लोगों ने रेल लाइन के किनारे वर्षों से झोपड़ी, मकान और दुकानें बना रखी थीं.

17 मई को रेलवे ने जारी किया था नोटिस

रेलवे इंजीनियरिंग विभाग की ओर से इन लोगों को 17 मई को ही नोटिस जारी किया गया था. कुछ लोगों ने खुद ही अपने मकान और दुकानें खाली कर दी थीं या तोड़ दी थीं, लेकिन जो बचे थे, उन्हें मंगलवार को बलपूर्वक हटाया गया. रेलवे द्वारा हटाये गये इन ढांचों की जगह अब विद्युत सब स्टेशन का निर्माण किया जायेगा. यहां से ओडिशा की ओर जाने वाली यात्री और मालगाड़ियों को बिजली आपूर्ति की जायेगी.

अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तैनात थे अधिकारी और सुरक्षाकर्मी. फोटो : सुरजन

रेलवे क्रॉसिंग का होगा चौड़ीकरण

योजना के तहत सुंदरनगर, मकदमपुर, करनडीह और हाता रेलवे क्रॉसिंग का चौड़ीकरण भी किया जाएगा. इन क्रॉसिंग के बीच रबर बॉक्स लगाये जायेंगे, ताकि आवाजाही को सुरक्षित और सुगम बनाया जा सके. रेलवे की इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है. रेलवे फाटक के आसपास स्थित लगभग 39 झोपड़ीनुमा मकानों व दुकानों को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त कर दिया गया. ये ढांचे वर्षों से रह रहे गरीब परिवारों के थे.

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सायरन बजाकर घर गिराने की शुरू की प्रक्रिया

दोपहर में कार्रवाई के दौरान रेलवे टीम ने सायरन बजाकर घर गिराने की प्रक्रिया शुरू की. क्षेत्रवासियों को पहले ही नोटिस थमा दिया गया था, लेकिन पुनर्वास या वैकल्पिक आवास की कोई व्यवस्था नहीं की गयी. एक स्थानीय महिला, जिनका आशियाना इस कार्रवाई में उजड़ गया, रोते हुए बोलीं – ‘हमने अपनी सारी जमा-पूंजी से यह झोपड़ी बनायी थी, अब बच्चों को लेकर कहां जाएं?’ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि न तो कोई सर्वेक्षण हुआ और न ही कोई पुनर्वास योजना सामने रखी गयी. प्रशासन की इस कार्रवाई को लोग एकतरफा और अमानवीय करार दे रहे हैं. रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया अब नियमित रूप से जारी रहेगी. आने वाले दिनों में डीबी रोड, बागबेड़ा समेत अन्य कई इलाकों से भी अतिक्रमण हटाया जायेगा.

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