पंचतत्व में विलीन हुए बीजेपी नेता लक्ष्मण गिलुवा, चक्रधरपुर ने दूरदर्शी सोच और सहज नेता को खो दिया

Jharkhand News (चक्रधरपुर/पश्चिमी सिंहभूम) : दूरदर्शी सोच एवं सहज स्वभाव के धनी लक्ष्मण गिलुवा दो बार विधायक, दो बार सांसद व एक बार झारखंड में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष के पद में रह कर क्षेत्र की सेवा की. उनके निधन से भाजपा परिवार ने अपना कर्मठ सदस्य तथा चक्रधरपुर की जनता ने एक स्वच्छ और ईमानदार छवि के नेता खो दिया है. सीएम हेमंत सोरेन समेत झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व सीएम रघुवर दास समेत अन्य नेताओं ने लक्ष्मण गिलुवा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2021 5:37 PM

Jharkhand News (चक्रधरपुर/पश्चिमी सिंहभूम) : दूरदर्शी सोच एवं सहज स्वभाव के धनी लक्ष्मण गिलुवा दो बार विधायक, दो बार सांसद व एक बार झारखंड में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष के पद में रह कर क्षेत्र की सेवा की. उनके निधन से भाजपा परिवार ने अपना कर्मठ सदस्य तथा चक्रधरपुर की जनता ने एक स्वच्छ और ईमानदार छवि के नेता खो दिया है. सीएम हेमंत सोरेन समेत झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व सीएम रघुवर दास समेत अन्य नेताओं ने लक्ष्मण गिलुवा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

बीजेपी नेता लक्ष्मण गिलुवा के निधन पर सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि लक्ष्मण जी एक सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. झारखंड की राजनीति में उनकी कमी हमेशा खलेगी. परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति प्रदान करे.

वहीं, बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लक्ष्मण गिलुआ का निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. इनका यूं चला जाना पूरे राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है. ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें व परिजनों को साहस प्रदान करें.

दूसरी ओर, पूर्व सीएम रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि लक्ष्मण गिलुआ के निधन की खबर से मन बहुत व्यथित है. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. गिलुआ जी का संपूर्ण जीवन प्रदेश, समाज और संगठन की सेवा के लिए समर्पित रहा.

Also Read: लक्ष्मण गिलुवा के निधन की बात सुन बचपन के मित्र सुखलाल सोय के नहीं निकल रहे शब्द
पैतृक गांव जांटा में हुआ अंतिम संस्कार

पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव जांटा में हुआ. अंतिम संस्कार के मौके पर उनकी धर्मपत्नी मालती गिलुवा के अलावे दो पुत्र व पुत्री सहित ललित मोहन गिलुवा, प्रताप कटियार, अनिल बोदरा, संजय अखाड़ा, समरेश सिंह, राम कोड़ा, संजय मिश्रा, बुलटन रवानी, मंगल सिंह समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. स्व गिलुवा के बड़े पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दिया. अंतिम संस्कार के दौरान जांटा गांव में लोगों ने स्व गिलुवा की अच्छे कर्मा की चर्चा करते नहीं थके. वहीं, पत्नी, बेटा व बेटी का रो- रोकर बुला हाल था. हालात व समय ऐसा था कि लोग परिवार को भी समझा नहीं पा रहे थे. बस घैर्य रखने की सांत्वना दे रहे थे.

सरल स्वभाव के कारण पहली मुलाकात में ही बना लेते थे अपनी जगह

सरल और सहज स्वभाव के धनी लक्ष्मण गिलुवा पहली मुलाकात में ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना लेते थे. उनका बोलने का अंदाज भी लोगों को खूब भाता था. लंबे समय से सिंहभूम की धरती में राजनीतिक कर उन्होंने लोगों की दिल में जगह बनाया. लोगों ने उन्हें भरपूर प्यार दिया. उनकी सामान्य वेशभूषा सहज तरीके से लोगों के साथ मिलना विश्वास नहीं होता कि वह इतने बड़े पद पर आसीन थे. सहज व्यक्तित्व से वह लोगों के मन में अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे थे.

प्रदेश अध्यक्ष, सांसद व विधायक पद में रहने के बाद स्वर्गीय गिलुवा को लोगों ने तो यह तक कहा कि उनके जैसा नेता नहीं देखा जो आम आदमी से इतना घुलता-मिलता हो. भाजपा व चक्रधरपुर की धरती ने अपना एक सच्चा सपूत खो दिया है. स्व गिलुवा की निधन का समाचार सुनकर चक्रधरपुर व सिंहभूमवासी नहीं बल्कि पूरे झारखंड प्रदेश के लोग स्तब्ध हो गये. दोपहर करीब 2 बजे लक्ष्मण गिलुवा का शव चक्रधरपुर पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं की आंखें नम हो गयी. भगत सिंह चौक में कार्यकर्ताओं की आंखों से आंसु झलक पड़ा. किसी के पास कुछ बोलने का शब्द नहीं था. बस गिलुवा जी अमर रहे की नारे लगते रहे. अंतिम दर्शन को भाजपा नेता राजू कसेरा, पवन शंकर पांडेय, राजेश गुप्ता, अश्वनी प्रमाणिक, दया शंकर गुप्ता, दुर्गा साव, हरिओम अग्रवाल, शेष नारायण लाल, खिरोद प्रधान समेत दर्जनों की संख्या में कार्यकर्ता व पार्टी पदाधिकारी शामिल थे.

Also Read: मृदुभाषी और सहज राजनीतिज्ञ के तौर पर लक्ष्मण गिलुवा की थी पहचान, रुद्र प्रताप षाड़ंगी को मानते थे अपना राजनीतिक गुरु

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version