Atal Bihari Vajpayee: अटल जी ने जब जनसभा से पहले उधार मांगा कुर्ता तो जनसंघ के नेता ने कर दिया मना, फिर…

आज पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती मनाई जा रही है. आइए इस मौके पर अलीगढ़ से जुड़ी उनकी कुछ खास यादों को ताजा करते हैं...

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2021 11:11 AM

Aligarh News: आज देश भर में पूर्व पीएम और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 97वीं जयंती मनाई जा रही है. आधुनिक राजनीति के भीष्म पितामह वाजपेयी का अलीगढ़ से खास जुड़ाव रहा है. एक बार अलीगढ़ में जनसभा को संबोधित करने आए अटल बिहारी वाजपेयी ने जनसंघ के कमल लाल गुप्ता से उनका कुर्ता उधार लेकर पहना था, उनकी सादगी का यह वाक्या बहुत कम लोगों को याद है.

1969 में अटल जी ने पहना था उधार लेकर कुर्ता

अटल बिहारी वाजपेयी ने अलीगढ़ में आधा दर्जन से अधिक जनसभाओं को संबोधित किया था. उनकी सादगी का एक वाक्या अक्सर लोगों को याद आता है. 1969 में जब अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के समय अलीगढ़ में जनसभाओं को संबोधित करने आए तो जनसभाओं के दौरान उनका कुर्ता गंदा हो गया, तो अटल बिहारी वाजपेयी ने जनसंघ के कमल लाल गुप्ता से उनका कुर्ता उधार मांगा और जनसभा को संबोधित किया.

ऐसे उधार लिया कुर्ता

अटल बिहारी वाजपेयी जब 1969 में अलीगढ़ आए, तो वह जयगंज में जनसंघ के अध्यक्ष शिवहरि सिंघल के घर पर रुके. अटल जी दो जोड़ी धोती-कुर्ता साथ लेकर चलते थे. वह कुर्ता-धोती भी सभाओं में गंदे हो गए थे. अटल जी की नजर अलीगढ़ के प्रभारी रहे और सांसद कमल लाल गुप्ता के कुर्ता-धोती पर पड़ी.

जब अटली जी ने मना करने पर भी ले लिए कुर्ता-धोती

अटल जी और कमल लाल गुप्ता की कद-काठी एक जैसी थी, और दोनों के बीच बहुत अच्छा रिश्ता था. वाजपेयी ने केएल से कुर्ता-धोती मांग लिए. गुप्ता ने मना कर दिया और कहा, हमें ऊपरकोट पर भाषण देने जाना है. वाजपेयी ने धोती-कुर्ता अपनी ओर खींच लिए. कहा, तुम्हें ऊपरकोट जाना है, मुझे आगरा, फीरोजाबाद और कानपुर में सभा संबोधित करने जाना है. अटल जी ने कमल लाल गुप्ता के कुर्ते को पहन कर सभा को संबोधित किया.

पूर्व सांसद शीला गौतम अटल जी को भाई मानती थीं…

अलीगढ़ से कई बार सांसद रहे स्वर्गीय शीला गौतम अटल बिहारी वाजपेयी को अपना भाई मानती थीं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के बाद दिल्ली पहुंचीं पूर्व सांसद शीला गौतम ने कहा था कि अटलजी उनके बड़े भाई की तरह थे. हम साथ में होली खेला करते थे और रक्षा बंधन मनाया करते थे. मैं उन्हें राखी बांधा करती थी.

रिपोर्ट- चमन शर्मा

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