अलीगढ़ : अतीक और अशरफ की हत्या का आरोपी अरुण मौर्य पानीपत की जेल में रहा था बंद, दो मुकदमों में है नामजद

अलीगढ़ के डीआईजी रेंज सुरेश राव ए कुलकर्णी ने अरुण मौर्या की कुंडली खंगाली है. डीआईजी रेंज की जांच में सामने आया कि अरुण पुत्र दीपक मूल रूप से कासगंज के कादर वाड़ी इलाके का रहने वाला है. अरुण दसवीं क्लास तक पढ़ाई की. इसके बाद उसका उठना बैठना आपराधिक लोगों के साथ होने लगा.

By Prabhat Khabar | April 18, 2023 1:38 PM

अलीगढ़ः कुख्यात अपराधी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में शामिल कासगंज के आरोपी अरुण मौर्या का क्राइम रिकॉर्ड अलीगढ़ डीआईजी रेंज पुलिस खंगाल रही है. हालांकि पैतृक गांव कासगंज के सोरों क्षेत्र के गांव कादर वाड़ी का मूल निवासी है. और पानीपत के विकास नगर में रह रहा था. पुलिस के अनुसार अरुण पर हरियाणा में दो मुकदमे दर्ज हैं. छह महीने पहले जानलेवा हमले के केस में जेल गया था. वहीं जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद पानीपत से फरार हो गया था.

कभी पानीपत तो कभी कादरवाड़ी रुकता था अरुण

अरुण का जन्म पानीपत में हुआ था. उसके दादा मथुरा प्रसाद 1988 में अपने परिवार सहित पानीपत गए थे .पहले वहां किराए के मकान में रहे, फिर मथुरा प्रसाद के साथ उनके बेटे सुनील और दीपक भी पानीपत आ गए. तीनों ने मेहनत मजदूरी कर वहां 1995 में मकान बना लिया. वहीं अरुण के पिता दीपक वापस कासगंज के कादरवाड़ी आ गए. अरुण कभी पानीपत रुकता तो कभी कादरवाड़ी आकर रहता था.

अरुण पर पानीपत में दो मुकदमे दर्ज

अलीगढ़ के डीआईजी रेंज सुरेश राव ए कुलकर्णी ने अरुण मौर्या की कुंडली खंगाली है. डीआईजी रेंज की जांच में सामने आया कि अरुण पुत्र दीपक मूल रूप से कासगंज के कादर वाड़ी इलाके का रहने वाला है. अरुण दसवीं क्लास तक पढ़ाई की. इसके बाद उसका उठना बैठना आपराधिक लोगों के साथ होने लगा. अरुण अवैध हथियार के साथ पकड़ा जा चुका है. वही एक व्यक्ति पर जानलेवा हमले के आरोप में भी जेल गया था.

जमानत पर कुछ समय पहले छूटने के बाद वह फरार है. हालांकि वह घटना से एक सप्ताह पहले कादर वाड़ी अपने पैतृक गांव आया था. गांव में ज्यादा समय तक नहीं रुकता था. पुलिस को जानकारी मिली है कि अरुण ने कई लोगों से दोस्ती गांठ ली थी. जिनके पास वह रुकता था. इसके बाद पानीपत चला जाता था. वह अपने चाचा सुनील के साथ फैक्ट्री में काम भी करने लगा था, लेकिन पिछले दिनों दिल्ली में दोस्त की शादी का हवाला देकर पानीपत से निकल गया. इसके बाद परिवार से संपर्क नहीं हुआ. वही अरुण ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया.

अवैध हथियार रखने और हमले में जा चुका है जेल

डीआईजी अलीगढ़ रेंज सुरेश राव ए कुलकर्णी ने बताया कि घटना के बाद से कादर वाड़ी गांव में सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अरुण मौर्या का पानीपत में आपराधिक इतिहास मिला है. पुलिस तहकीकात कर रही है. पुलिस छानबीन के अनुसार पहली बार फरवरी 2022 में अवैध हथियार के साथ अरुण शराब के ठेके से गिरफ्तार किया गया था. तब उसने बताया था कि कासगंज स्थित गांव के एक दोस्त अतुल से तीन हजार रुपए में असलहा खरीदा था. पुलिस ने अरुण के साथ उसके दोस्त अतुल को भी गिरफ्तार कर लिया और दोनों को जेल भेज दिया था.

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पानीपत की जेल में अपराधियों से बढ़ी प्रगाढ़ता

अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में शामिल तीनों आरोपी अलग-अलग जगह से हैं. इनका कोई पुराना लिंक सामने नहीं मिला है. हालांकि पुलिस इनके आपसी संबंधों की जानकारी जुटा रही है. अलीगढ़ डीआईजी रेंज पुलिस की छानबीन में यह सामने आया है कि अरुण पानीपत जेल में गया, तो उसके जेल में अपराधिक लोगों से प्रगाढ़ता बढ़ गई. जिन से प्रेरित होकर क्राइम की दुनिया में बड़ा नाम कमाना चाहता था. ऐसे में बड़ा सवाल सामने आता है कि पानीपत जेल में बंद होने के दौरान किसी बड़े अपराधी गिरोह के संपर्क में अरुण आया हो और वहीं से हमीरपुर के सनी और बांदा के लवलेश से मुलाकात कराई हो. पुलिस इस एंगल पर भी छानबीन कर रही है. हरियाणा पुलिस भी अरुण के आपराधिक नेटवर्क को खंगालने में जुटी है.

रिपोर्ट- अलीगढ़ आलोक

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